भोपाल। ‘चाय पर चर्चा’ के क्रम में आज मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने चर्चा की और विभागीय योजनाओं के क्रियान्वयन और प्रस्तावित योजनाओं के संबंध में जानकारी दी। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार मंत्री डॉ यादव ने बताया कि सभी विश्वविद्यालय और महाविद्यालय एक ग्राम को गोद लेकर ग्राम में संचालित कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन की स्थिति की जानकारी प्राप्त करेंगे। इससे ग्राम में विकास कार्यों का बेहतर क्रियान्वयन हो सकेगा। ग्राम के विकास के लिए कुलपति, प्राचार्य और विद्यार्थियों की भूमिका महत्वपूर्ण रहेगी। शीघ्र ही यह पहल होगी।
चाय पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री को डॉ. यादव ने जानकारी दी कि क्षेत्र विशेष के विकास के अलावा सामाजिक कुरीतियों की समाप्ति के लिए भी अब महाविद्यालय आगे आएंगे। युवा शक्ति का इसमें उपयोग किया जाएगा। इसके पहले राष्ट्रीय सेवा योजना की इकाइयों के माध्यम से विद्यार्थियों द्वारा ऐसी गतिविधियां सीमित रूप में की जाती रही हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने नई शिक्षा नीति के संदर्भ में उच्च शिक्षा विभाग के नवाचारों को सराहनीय बताया। इस अवसर पर जनजातीय बहुल क्षेत्रों और पिछड़ा वर्ग समुदाय के लिए उच्च शिक्षा व्यवस्थाओं की जानकारी भी मंत्री डॉ. यादव द्वारा दी गई।
चौहान को डॉ. यादव ने कोरोना काल में उच्च शिक्षा की व्यवस्थाओं और इस वर्ष परीक्षाएं लेने की अनुमति प्राप्त होने के पश्चात किए जा रहे आवश्यक प्रबंधों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा में गुणवत्ता पर ध्यान दिया जा रहा है। कुछ अन्य नवाचार भी किए जा रहे हैं, जिसके अंतर्गत उच्च शिक्षा विभाग कुछ ऐसे पाठ्यक्रम शुरु करेगा, जो ग्रामीण युवाओं को स्वरोजगार और विभिन्न संस्थाओं में प्लेसमेंट (रोजगार) के लिए तैयार करेंगे।
इससे सरकारी नौकरी पर निर्भरता को घटाया जा सकेगा। विशेष रूप से कृषि और पशुपालन से संबंधित रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रम प्रारंभ करने के संबंध में प्रयास किए जा रहे हैं। चौहान ने हाल ही में मंत्रियों से चर्चा के लिए चाय पर चर्चा की शुरूआत की है। वे अपने मंत्रियों से अलग अलग मिल कर इस दौरान विभागीय योजनाओं के बारे में चर्चा करते हैं।