भोपाल । मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश में पशु चिकित्सा और कृत्रिम गर्भाधान सेवा के पायलेट प्रोजेक्ट को कॉल सेंटर के माध्यम से घर-घर तक विस्तारित किये जाने की जरूरत बतायी है। चौहान ने आज मंत्रालय में पशुधन संजीवनी (1962) पायलेट प्रोजेक्ट की समीक्षा करते हुए परियोजना के प्रस्ताव का परीक्षण कर शीघ्र प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिये हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि पशु चिकित्सा सेवाओं का समयबद्ध तरीके से बिना किसी के व्यवधान के संचालन होना चाहिए।

बैठक में बताया गया कि पशुपालकों को घर-घर पहुंच पशु चिकित्सा एवं कृत्रिम गर्भाधान सेवा हेतु पशुधन संजीवनी (1962) परियोजना का पायलेट प्रोजेक्ट रायसेन जिले के विकासखंड औबेदुल्लागंज, बाड़ी और देवास जिले के विकासखंड कन्नौद एवं बागली में प्रारंभ किया गया है। परियोजना अंतर्गत कॉल सेंटर के माध्यम से क्षेत्र में पशुओं के विभिन्न रोगों को वर्गीकृत कर उपचार सेवाएं उपलब्ध करवायी जा रही हैं। चिकित्सक द्वारा गंभीर प्रकरणों में चार घंटे में पशु उपचार सुविधा चिकित्सक द्वारा उपलब्ध करायी जाती है। यह सेवा शासकीय अवकाश सहित 24 घंटे उपलब्ध है। अन्य स्थितियों में पशु उपचार सुविधा 8 घंटे के भीतर उपलब्ध करवाते हैं। सामान्य प्रकरणों में सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी, पशु चिकित्सक से मार्गदर्शन प्राप्त कर उपचार सुविधा उपलब्ध कराते हैं।

इस मौके पर जानकारी दी गई कि विभाग द्वारा पशुओं में प्रमुख 30 रोगों को चिन्हित कर सभी आवश्यक औषधियां चिकित्सकों के पास उपलब्ध करायी गई हैं। परियोजना अंतर्गत पशु टीकाकरण, डिवार्मिंग, बधियाकरण और गर्भ परीक्षण सुविधा पशु पालकों की मांग पर उपलब्ध करायी जाती है। परियोजना अंतर्गत अभी तक 2425 कॉल का सफलतापूर्वक निराकरण किया गया है।

बैठक में पशुपालन, जेल, पर्यावरण तथा मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास मंत्री अंतर सिंह आर्य और मुख्य सचिव बी.पी. सिंह भी मौजूद थे।

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