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भोपाल। किसान महासम्मेलन के मंच का इस्तेमाल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस पर हमले करने के लिए जमकर किया। उन्होंने कहा कि मैं किसानों को बुलाता हूं, उनकी सुनता हूं और उनके लिए कुछ करता हूं तो कांग्रेसियों के पेट में दर्द क्यों होता है। इन्होंने तो कुछ किया नहीं और जब मैं कर रहा हूं तो सवाल उठाए जा रहे हैं। भावांतर योजना को लूटांतर योजना बताया जा रहा है।

उन्होंने सम्मेलन में मौजूद किसानों से पूछा कि क्या कांग्रेस ने ये सुविधाएं दी थीं? राजा, नवाब और अंग्रेजों ने मिलकर साढ़े सात लाख हेक्टेयर में सिंचाई क्षमता दी थी और हमने 40 लाख हेक्टेयर रकबा कर दिया है। उन्होंने ओलावृष्टि से प्रभावित किसानों को भरोसा दिलाया कि राहत ही नहीं बीमा का पैसा मिलाकर नुकसान की भरपाई कर दूंगा। चिंता की जरूरत नहीं है।

सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ लोगों को ओले गिरने से मजा आ गया। सम्मेलन रद्द कराने में लग गए। ऐसे लोगों को किसानों की कोई फिक्र नहीं है। उन्होंने किसानों से पूछा कि जब 18 प्रतिशत ब्याज दर पर कृषि ऋण देते थे, तब किसानों की याद नहीं आई। हमने 18 से घटाकर शून्य प्रतिशत करने का चमत्कार किया है। ब्याज हर साल खजाने से भरते हैं। पांच हार्सपॉवर के पंप का 31 हजार रुपए साल सरकार भरती है।

इसके पहले कृषि मंत्री गौरीशंकर बिसेन ने कहा कि हम भगवान नहीं जो प्राकृतिक आपदा को रोक सकें पर इसकी भरपाई जरूर कर सकते हैं। सरकार इसमें कोई कसर नहीं छोड़ेगी। भावांतर योजना ने किसानों को सुरक्षा का कवच दिया है। ये रबी फसलों में भी जारी रहेगी। इस दौरान मंच से कृषक उद्यमी योजना के हितग्राहियों को प्रमाण-पत्र दिए गए। साथ ही भावांतर भुगतान के अंतर की राशि लगभग चार लाख किसानों के खातों में एक क्लिक पर 620 करोड़ रुपए हस्तांतरित किए गए।

मंच पर विस अध्यक्ष डॉ. सीतासरन शर्मा, वन मंत्री डॉ.गौरीशंकर शेजवार, कृषि राज्यमंत्री बालकृष्ण पाटीदार, पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर, सांसद आलोक संजर, विधायक सुरेंद्रनाथ सिंह, विष्णु खत्री, भारतीय किसान संघ के शिवकांत दीक्षित सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि और अधिकारी मौजूद थे।

न रोऊंगा और रोने दूंगा

ओला प्रभावित किसानों को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं ऐसा मुख्यमंत्री नहीं हूं जो सिर्फ व्यक्त करूं। न मैं रोऊंगा और न किसानों को रोने दूंगा। संकट से पार ले जाऊंगा। संकट की घड़ी में ही नेता की पहचान होती है। कंधे से कंधा मिलाकर चलूंगा।

कर्जमाफी चाहिए या उचित दाम

मुख्यमंत्री ने विपक्ष द्वारा कर्जमाफी को मुद्दा बनाए जाने के मद्देनजर किसानों से पूछा कि उन्हें कर्जमाफी चाहिए या उचित दाम। किसानों की ओर से आवाज आई कि उचित दाम। मुख्यमंत्री ने कहा कि कर्जमाफी कोई समाधान नहीं है। किसान खैरात या भीख नहीं चाहता है, वो पसीने की कीमत चाहता है और सरकार नया इतिहास रचते हुए घोषणा करती है कि उसे पसीने की पूरी कीमत दी जाएगी।

ये भी की घोषणाएं

– किसान उद्यमी योजना में 25 लाख से दो करोड़ रुपए का ऋण किसान पुत्र-पुत्रियों को देंगे। बैंक गारंटी, 15 प्रतिशत सबसिडी और सात साल तक पांच प्रतिशत ब्याज भी भरेंगे। 31 हजार युवाओं को योजना के दायरे में लाएंगे।

– एक हजार कस्टम हायरिंग सेंटर खोले जाएंगे। ये सेंटर सिर्फ किसान पुत्र-पुत्रियों को मिलेंगे।

– किसान अपनी जमीन पांच साल के लिए बटाई पर दे सकेगा। इसके लिए नियम बनाए जाएंगे। बटाईदार को वो सभी लाभ मिलेंगे, जो अन्य किसानों को मिलते हैं। यही व्यवस्था पट्टाधारकों के लिए लागू होगी।

– 150 मंडियों में अन्य प्रदेशों की मंडियों में चल रहे भाव बताने प्राइस टिकर की व्यवस्था होगी।

– 50 मंडियों में 50 करोड़ रुपए की लागत से ग्रेडिंग और पैकेजिंग प्लांट लगाए जाएंगे।

– 25 मंडियों में छोटे-बड़े दानों को अलग करने 50 करोड़ की लागत से कलर स्ट्रोक्स प्लांट लगेगा।

– कृषि ऋण अदायगी की अंतिम तारीख अब 28 मार्च की जगह 30 अप्रैल होगी। एक माह का ब्याज सरकार बैंकों को चुकाएगी।

– किसान क्रेडिट कार्ड को रूपे कार्ड में तब्दील किया जाएगा। 4 हजार 523 प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों में माइक्रो एमटीएम लगाए जाएंगे।

– भूसा, पशु आहार, डेयरी उपकरण और आवास गृह की मरम्मत के लिए 50 हजार रुपए तक कर्ज दिया जाएगा। इसके लिए किसान क्रेडिट कार्ड बनाए जाएंगे।

– विद्यासागर गौ-संवर्धन योजना के तहत 15 हजार किसानों को कर्ज दिया जाएगा।

– नामांकन के साथ ही खसरा और बी-वन भी दिया जाएगा।

– सीमांकन के लिए निजी संस्थाओं के साथ करार होगा और आवेदन के समय ही सीमांकन की तारीख मिलेगी।

– ट्रांसफार्मर बदलने के लिए यदि किसानों अपने वाहन से लाते हैं तो किराया सरकार देगी।

– तीन माह के भीतर ट्रांसफार्मर जलता है तो बदलने का कोई चार्ज नहीं लगेगा।

– मुख्यमंत्री कृषि पंप योजना में आवेदन देने में अस्थाई कनेक्शन का चार्ज नहीं लिया जाएगा। साथ ही बिल फ्लेट रेट से लिया जाएगा।

– 600 करोड़ रुपए की लागत से नए सब स्टेशन बनाए जाएंगे और लाइनों का निर्माण होगा।

– बिल और पंप लोड की शिकायतों का निराकरण के लिए वितरण केंद्रों पर सप्ताह में एक दिन तय होगा।

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