भोपाल । मुख्यमंत्री तीर्थ-दर्शन योजना के पाँच वर्ष पूर्ण हो गए हैं। वर्तमान में इस योजना में नये 10 तीर्थ-स्थानों गंगा-सागर, कामाख्या देवी, गिरनार जी, पटना साहिब तथा मध्यप्रदेश के उज्जैन, मैहर, श्री रामराजा ओरछा, चित्रकूट, ओंकारेश्वर और महेश्वर को शामिल किया गया है। पूर्व में तीर्थ-यात्रियों को बद्रीनाथ, केदारनाथ, जगन्नाथ पुरी, द्धारका पुरी, हरिद्धार, अमरनाथ, वैष्णोदेवी, शिर्डी, तिरूपति, अजमेर शरीफ, रामदेवरा, काशी, गया, अमृतसर, रामेश्वरम्, सम्मेद शिखर, श्रवणबेलगोला, तेलांगणी चर्च की यात्रा कराई गई है। इसके अतिरिक्त यात्रियों को कैलाश मानसरोवर, पाकिस्तान स्थित हिंगलाज देवी मंदिर तथा ननकाना सहिब, श्रीलंका के सीता मंदिर अशोक वाटिका तथा कंबोडिया के अंकोरवारट मंदिर यात्रा का भी प्रावधान है।

तीर्थ-दर्शन योजना की 5 वर्ष के अवधि में अब तक 5 लाख 3 हजार बुजुर्गों ने तीर्थ-दर्शन किए हैं। तीर्थ-दर्शन के लिए 503 रेल यात्राओं का आयोजन किया गया। हाल ही में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह घोषणा की है कि 5 वर्ष पूरे करने वाले तीर्थ-यात्रियों को पुन: तीर्थ-दर्शन का अवसर मिलेगा। इसके तहत प्रति वर्ष दो लाख श्रद्धालु को विभिन्न तीर्थ-स्थलों का दर्शन करवाया जाएगा। तीर्थ-यात्रियों को यात्रा के दौरान आवश्यक वस्तुओं का किट, गंतव्य तीर्थ के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक महत्व की जानकारियों का ब्रोशर भी उपलब्ध करवाया जायेगा। धर्माचार्यों के साथ चर्चा कर उन्हे भी यात्रा में शामिल किया जाएगा।

मुख्यमंत्री तीर्थ-दर्शन योजना में मध्यप्रदेश के मूल निवासी 60 वर्ष या अधिक आयु के व्यक्ति को उनके जीवन काल में एक बार प्रदेश के बाहर स्थित विभिन्न नामनिर्दिष्‍ट तीर्थ-स्थानों में से किसी एक स्थान की यात्रा कराई जाती है।

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