मुरैना। जिले के सबलगढ विकास खण्ड के ग्राम टेटरा निवासी ओमवती जाटव सिलाई का कार्य करती हैं। सीमित आर्थिक संसाधनों में वह यह व्यवसाय अपेक्षानुरूप नहीं कर पा रही थीं। मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ विक्रेता योजना उनको बड़ा सहारा लेकर आई। इस योजना से मिली 10 हजार रूपए की ऋण राशि से अब उन्होने अपने सिलाई व्यवसाय को आगे बढ़ा दिया है ।    

ओमवती ने बताया कि कोराना काल में जो भी जमा पूंजी थी, व पूरे परिवार पर खर्च हो चुकी थी। सिलाई कार्य को आगे बढाने के लिए साहूकार से संपर्क कर पैसे उधार लेने के बात कही। साहूकार ने कहा कि पैसा तो दूंगा लेकिन 5 प्रतिशत प्रतिमाह और दो दिवस बाद दे सकता हूं। व्यवसाय चलाना हमारे लिए अतिआवश्यक था, तो हमने हां बोल दिया। किन्तु देश के प्रधान मंत्री व प्रदेश के मुख्यमंत्री ने पथविक्रेता योजना लोकडाउन के वाद ही प्रारंभ कर दी। उसमें लोगों ने हमें बताया कि ग्रामीण विकास विभाग के खण्ड स्तर के कार्यालय में आवेदन करें, हमने  आवेदन तुरन्त ही कर दिया । मात्र 12 दिनों के वाद ही चम्बल ग्रामीण बैंक से 10 हजार रूपये का ऋण बिना ब्याज के उपलब्ध हुआ । तब हमारे मन में ख्याल आया कि साहूकार से 10 हजार रूपये 5 प्रतिशत प्रतिमाह व्याज से ऋण लेते तो ब्याज में ही पूरी दुकान बिक जाती । शासन ने हमे मदद की है, अपने सिलाई के व्यवसाय को बढ़ाकर अपना आर्थिक एवं सामाजिक उत्थान कर सकंेगे, साथ ही अब हम अपने बच्चों को अच्छे स्कूल में पढ़ा लिया सकेंगे, उनको इस काबिल बना सकेंगे कि वे उच्च शिक्षा प्राप्त करके उच्च पदों पर पहुंच सकंे। अब हम अपने बच्चों पर खर्च करेंगे, पढायेंगे, लिखायेंगे, अपनी तरक्की करेंगे ।

ओमवती जाटव बताती है कि सिलाई से प्रतिदिन 1 हजार रूपये कमा लेती हूं, पति खेती करते है इतनी ज्यादा आय खेती से नहीं होती किन्तु माह में 30 हजार रूपये सिलाई से मुझे बच जाते है । सिलाई में व्लाउज, सलवार सूट, पेटीकोट, मास्क बनाने की खूब सिलाई चल रही है । ओमवती बताती हैं कि वे सरकार की आभारी हैं कि कोविड-19 के दौरान लॉकडाउन जैसी परिस्थिति में सरकार ने छोटे पथ विक्रेताओं की तरफ ध्यान दिया। मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ विक्रेता योजना से मिली आर्थिक सहायता ऐसे छोटे व्यवसायियों के लिए काफी मददगार साबित होगीं।

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