छिंदवाड़ा। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के गृह जिले छिंदवाड़ा में बडी घटना की जानकारी मिली है। यहां कुछ बदमाशों ने घर में सो रही नाबालिग आदिवासी लड़की का अपहरण कर लिया। उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया और फिर उसकी हत्या कर दी गई। पुलिस ने लड़की के शव का पोस्टमार्टम तक नहीं कराया। पुलिस पोस्टमार्टम के लिए रिश्वत मांग रही थी। उक्त सभी आरोप मृत लड़की के परिजनों ने लगाए हैं। 26 जनवरी को नाबालिग आदिवासी लड़की का सड़ा गला शव जंगल में मिला था।

छिंदवाडा जिले के पांढुर्णा क्षेत्र के पाटई गांव में लापता आदिवासी नाबालिग का शव मिलने के बाद परिजनों ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने शनिवार को पुलिस अधीक्षक छिंदवाड़ा से की गई शिकायत में कहा है कि आरोपियों ने उनकी नाबालिग बेटी (17वर्ष) का अपहरण किया, इसके बाद जंगल ले जाकर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया और हत्या कर शव को जंगल में फेंक दिया। परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने मृतक बेटी का पोस्टमार्टम भी नहीं कराया और पीएम करने के एवज में रिश्वत की मांग की।

एसपी को दिए शिकायती आवेदन में कहा गया है कि, 18 जनवरी को बेटी खाना खाकर सोई थी। माता-पिता खेत में पानी लगाने चले गए। लड़की घर में अकेली थी और उसकी दादी दूसरे कमरे में सो रही थीं। तभी मौका पाकर आरोपी देर रात को लड़की को घर से उठा ले गए। माता-पिता घर लौटे तो पता चला बेटी नहीं है, उन्होंने सोचा कि रिश्तेदारों के यहां गई होगी, लौट आएगी, लेकिन वह नहीं लौटी।

घटना के एक हफ्ते बाद 25 जनवरी को फारेस्ट चौकीदारों ने जंगल में गश्त के दौरान एक लड़की की लाश देखी। उन्होंने इसकी जानकारी ग्राम पंचायत को दे दी। पुलिस मौके पर पहुंचीं तो लाश निर्वस्त्र थी और सड़ चुकी थी। मृतकों के परिजनों ने बताया कि जब वह 26 जनवरी को शव लेने पहुंचे। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम नहीं कराया था, शव ले जाने के लिए वाहन देने के बदले पुलिस ने 1 हजार की रिश्वत मांगी।
पुलिस से शव का पीएम करने की बात कही गई तो उन्होंने कहा कि शव सड़ चुका है, पोस्टमार्टम नहीं हो सकता है। भोपाल भेजना होगा, इसके बदले 5 हजार रुपए लगेंगे। जब परिजनों ने 5 हजार रुपए नहीं दिए तो उन्होंने शव को वैसे ही लौटा दिया, दूसरे दिन परिजनों ने मृतका का अंतिम संस्कार कर दिया।

पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट किया नरपिशाचों के हौसले इतने बुलंद हैं कि कमलनाथ जी के क्षेत्र पांढुर्णा के पाटई गांव से 17 साल की बेटी को उठा ले गए। बलात्कार के बाद नृशंस हत्याकर जंगल में फेंक दिया। बेटी की आत्मा को तब तक शांति नहीं मिलेगी, जब तक अपराधियों को फांसी के फंदे पर नहीं लटका दिया जाता है।

लावाघोंघरी के टीआई कौशल सूर्या ने कहा कि मृतका के परिजनों ने लड़की के लापता होने के बाद शिकायत नहीं की। 18 जनवरी को हुई घटना की सूचना हमें 25 जनवरी को मिली। लड़की का शव सड़ चुका था। पोस्टमार्टम कराने के बाद बिसरा सुरक्षित रखकर जांच के लिए भेज रहे हैं। अब तक दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हुई है। दो युवकों को हिरासत में लिया गया है।

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