भोपाल। मध्यप्रदेश के ग्वालियर, भिण्ड, मुरैना, अशोकनगर, इंदौर, सागर, गुना सहित प्रदेश के आधे से अधिक जिलों में मिलावटी जहरीले दूध, घी, मावा, मिलावटी मसाले, किराना सामग्री बेचने वाले गिरोह सक्रिय है। कोरोनाकाल में जब दुकाने बंद थी तब इस जहरीले मिलावटी पदार्थ का कारोबार खूब फला-फूला। अब इन पर सख्ती शुरू हुई तो पिछले एक माह में ही मिलावटी सामग्री बेचने वाले मिलावटखोरो के चंगुल से आठ माह के मुकाबले दो गुने से अधिक मिलावटी सामान बरामद किया गया है। एक अप्रैल से दिसंबर अंत तक प्रदेश में 181 मिलावटखोरों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से दो करोड़ 45 लाख 89 हजार रुपए का मिलावटी सामान बरामद कर उसे नष्ट करवाया गया है।

कोरोना महामारी के दौरान जब लंबे समय तक किराना दुकाने बंद रही। खाद्य सामग्री की घर पहुंच सेवा उपलब्ध कराई गई। लोगों ने लॉकडाउन पीरियड में खाद्य सामग्री का स्टाक करना शुरू किया तो इन मिलावटखोरों की पौ बारह हो गई। इस दौरान मिलावटी दूध, घी, मावा, किराना, तेल, मसाले का कारोबार जम कर चला। पुलिस और प्रशासन कोरोना से जूझने में लगा था इसलिए ऐसे लोगों के खिलाफ कार्यवाही भी कम हुई। एक अप्रैल 20 से 30 नवंबर तक मिलावटी सामग्री बेचने के केवल 32 मामले दर्ज हुए और उसमें 79 लोगों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 75 लाख 7 हजार रुपए का मिलावटी सामान जब्त किया गया। पिछले माह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान के निर्देश पर शुद्ध के लिए युद्ध अभियान में ज्यादा सख्ती बरती गई तो एक माह में ही पिछले आठ माह से दुगने से अधिक मिलावटी सामान बरामद हुआ। इस एक माह में कुल 92 मामले दर्ज हुए। इनमें 102 लोगों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 1 करोड़ 70 लाख 82 हजार का मिलावटी सामान बरामद किया गया।

इसमें 23 हजार लीटर से अधिक दूध, 2 हजार 320 किलो मिल्क पावडर,1620 किलो घी, 21 हजार 870 किलो मसाले, 35 हजार 982 किलो कलौंजी तथा 2 हजार 130 लीटर पाम आयल और अन्य मिलावटी सामग्री बरामद की गई।

कोरोनाकाल में सभी चिकित्सक, विशेषज्ञ कोरोना महामारी से बचाव के लिए हल्दी युक्त दूध का उपयोग करने की सलाह दे रहे थे। लोग अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए हल्दीयुक्त दूध का इस्तेमाल ज्यादा करने लगे थे। इसका फायदा उठाया मिलावटखोरों ने। मुरैना में नकली दूध बनाने की बड़ी फैक्ट्रियां पकड़ी गई। यहां रिर्फाइंड पाम बर्नर आॅयल, हाइड्रोजन पैराक्साईड, पनीर के पानी से नकली घी, दूध, और मावा तैयार किया जा रहा था। यहां एक सेवानिवृत्त प्राचार्य दीनदयाल शर्मा के घर से बाल्टो डेक्सट्रिन पावडर के कट्टे बरामद हुए। इनका उपयोग दूध बनाने में किया जा रहा था। कई जगह तो यूरिया का उपयोग कर गाढ़ा दूध तैयार किया जा रहा था। इस जहरीले पदार्थ का सेवन लोग मजबूरी में कर रहे थे। इसी तरह हल्दी, मिर्ची, धनिया, खड़े मसाले भी मिलावटी जमकर बिक रहे थे।

ग्वालियर, गुना, सागर, देवास, कटनी, सतना, इंदौर, नीमच,उज्जैन, भिण्ड, अशोकनगर, मुरैना में व्यापक पैमाने पर कार्यवाही कर मिलावटी दूध, घी, मावा, मसाले तैयार करने वाले बड़े गिरोंहों की धरपकड़ की गई। शिवपुरी, श्योपुर, दतिया, धार, खंडवा, खरगौन, बुरहानपुर, आगर, रतलाम, बालाघाट, टीकमगढ़, निवाड़ी, अनूपपुर, डिंडौरी, हरदा, रायसेन, अलीराजपुर, सीहोर, विदिशा, मंदसौर।

भिण्ड पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह ने मिलावटखोरों के खिलाफ जो अभियान की शुरुआत की थी वो आज भी जारी है। आधा दर्जन कैमीकल से दूध बनाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाकर आपराधिक मामले दर्ज किए गए है। पुलिस अधीक्षक ने कहा है कि भिण्ड जिले में मिलावट करने वालों को छोडा नहीं जाएगा। जो लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड करेगा उसे जेल भेजने की कार्रवाई की जाएगी। मसाले पीसने वाली चक्कियों के खिलाफ भी अगली कार्रवाई की जाएगी।

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