भोपाल । कोरोना वायरस से बचने गाइडलाइन का पालन करते हुए लोग रोजाना लंबे समय तक मास्क लगा रहे हैं। इससे लोग कोरोना वायरस से तो बच रहे हैं ले‎किन अब एक नई समस्या सामने आने लगी है। लगातार मास्क लगाने की वजह से कुछ लोगों में सांस में दुर्गंध आने की समस्या भी शुरू हो गई है। इसे हेलिटोसिस कहा जाता है। अस्पतालों की ओपीडी में हर दिन पांच से सात मरीज ऐसे पहुंच रहे हैं, जिन्हें पहले कभी सांस में दुर्गंध नहीं आती थी। मास्क लगाने के बाद से यह समस्या शुरू हो गई है। एम्स, हमीदिया, जेपी अस्पताल समेत सभी अस्पतालों की नाक कान एवं गला विभाग और दंत रोग विभाग की ओपीडी में ऐसे मामले आ रहे हैं। फ्रेश ऑक्सीजन ठीक से नहीं पहुंचने और कार्बन डाइऑक्साइड पूरी तरह से बाहर नहीं आने की वजह से या दिक्कत हो रही है। एम्स भोपाल के दंत चिकित्सा विभाग के शाह प्राध्यापक डॉ अंशुल राय ने बताया कि अभी तो ओपीडी में 1-2 मरीज ही इस समस्या से ग्रसित होने वाले आ रहे हैं, इसकी वजह लॉकडाउन है। मार्च-अप्रैल मैं हर दिन 5 से 7 मरीज आ रहे थे। इन में दुर्गंध की समस्या 2-3 में बहुत ज्यादा रहती थी। यही बात गांधी मेडिकल कॉलेज भोपाल में दंत चिकित्सा विभाग के एचओडी डॉ अनुज भार्गव ने कही। उन्होंने बताया कि जिन मरीजों को पहले से पायरिया है, दांत खराब है या फिर डायबिटीज से पीड़ित है उनमें हेलिटोसिस की समस्या ज्यादा आ रही है। इस बारे में डाक्टर्स की सलाह है ‎कि दुर्गंध से बचाव के ‎लिए कार्यालय की छत या दूसरी सुरक्षित जगह पर जाकर करीब 2 मिनट के लिए मास्क उतारे। खाना खाने के बाद उंगली से दातों की साधारण मसाज जरूर करें। बीटाडीन से दो से तीन बार गार्गिल करें।घर आने पर मास्क उतारने के बाद ब्रश जरूर करें।

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