भोपाल। जो विभागीय अधिकारी विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों के लिये आवंटित राशि को मार्च अंत तक खर्च न कर समर्पित करेंगे, उनके विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जायेगी। यह निर्देश महिला-बाल विकास मंत्री श्रीमती रंजना बघेल ने आज महिला सशक्तिकरण की योजनाओं की राज्य-स्तरीय समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों को दिये। बैठक में प्रमुख सचिव श्री बी.आर. नायडू, आयुक्त महिला सशक्तिकरण श्रीमती कल्पना श्रीवास्तव और आयुक्त एकीकृत बाल विकास सेवा डॉ. मनोहर अगनानी उपस्थित थे।
श्रीमती रंजना बघेल ने अधिकारियों से कहा कि विभागीय योजनाओं एवं कार्यक्रमों के सफल क्रियान्वयन के लिये राज्य सरकार द्वारा पर्याप्त बजट राशि आवंटित की गई है। उन्होंने कहा कि अनेक जिलों द्वारा राशि समर्पित कर दी जाती है। अधिकारियों का यह कृत्य उनकी घोर वित्तीय लापरवाही को दर्शाता है।
श्रीमती बघेल ने उषा किरण योजना के तहत घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं के लिये 19 जिलों में संचालित हो चुकी 1091 टोल-फ्री हेल्प-लाइन सेवा को नये स्वरूप के साथ सभी जिलों में तत्काल लागू करवाने के निर्देश दिये। उन्होंने बताया कि राज्य शासन (पुलिस) द्वारा हाल ही में 1090 टोल-फ्री हेल्प-लाइन सुविधा को लागू किया गया है। भविष्य में महिला-बाल विकास की हेल्प-लाइन सेवा को इससे जोड़ा जायेगा। उसके पूर्व 1091 सेवा को 24 घंटे चालू रखा जायेगा तथा उसमें कॉल डायवर्ट करने की भी सुविधा रहेगी।
श्रीमती बघेल ने लाड़ली लक्ष्मी योजना की समीक्षा करते हुए कहा कि लम्बित प्रकरणों का निराकरण तत्काल होना चाहिये। एनएससी बनवाने की प्रक्रिया का निरंतर फॉलोअप हो तथा पात्रता के बावजूद प्रकरण तैयार न होने की शिकायतें अब प्राप्त नहीं होना चाहिये। उन्होंने बताया कि महिला सशक्तिकरण के लिये विभाग द्वारा प्रत्येक जिले को फोन, फेक्स, 7 कम्प्यूटर एवं 4 प्रिंटर की सुविधा दी गई है। समेकित बाल संरक्षण योजना में तहत राज्य एवं जिला-स्तर पर गठित समितियों को फर्नीचर क्रय करने के लिये राशि भी स्वीकृत की गई है। जिला बाल संरक्षण समिति, किशोर न्याय बोर्ड, बाल कल्याण समिति के लिये प्रत्येक जिले में आईसीपीएस भवन की व्यवस्था के लिये पृथक से निर्देश जारी किये गये हैं। अधिकारियों द्वारा समय-समय पर सम्प्रेक्षण गृह एवं अनुरक्षण गृहों का दौरा कर यह देखा जाये कि वहाँ बच्चों के स्वास्थ्य की जाँच हो रही है या नहीं। साथ ही यह भी देखा जाये कि बच्चों का किसी प्रकार का शोषण तो नहीं हो रहा।
श्रीमती बघेल ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि उनके क्षेत्र के सभी आँगनवाड़ी केन्द्र नियमित रूप से खुले, दर्ज संख्या के आधार पर बच्चों एवं महिलाओं को पोषण आहार नियमित रूप से मिले तथा मंगल दिवसों का व्यापक आयोजन हो। सभी अधिकारी अपने-अपने क्षेत्र का नियमित रूप से दौरा कर उसकी रिपोर्ट भेजें। सीडीपीओ सुपरवाइजर की तथा सुपरवाइजर आँगनवाड़ी कार्यकर्त्ताओं की नियमित बैठकें लें। किसी भी स्वैच्छिक संस्थान को अनुदान देने से पहले उसके तीन साल के अनुभव और कार्यों की जानकारी प्राप्त करें। प्रशिक्षण कार्यक्रम उपयोगी हों तथा अधिकारी जिला कलेक्टरों से चर्चा कर भवन निर्माण तथा विभागीय गतिविधियों को और सक्रिय करें। सभी जिले माह की 15 तारीख तक अपनी गतिविधियों की जानकारी ऑनलाइन दर्ज करवायें। इसमें लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही होगी। स्थानांतरण आदेशों का भी तत्काल पालन किया जाये।
श्रीमती रंजना बघेल ने अधिकारियों से कहा कि वे भ्रमण के दौरान यह भी देखें कि आँगनवाड़ी केन्द्रों की वजन मशीन ठीक है या नहीं, आँगनवाड़ी कार्यकर्ता ठीक से कार्य कर रहे हैं या नहीं, लापरवाह कार्यकर्ताओं को हटाकर उनके स्थान पर नई नियुक्ति की कार्यवाही की जाये। कुपोषण के मापदण्ड की जानकारी जिला कार्यक्रम अधिकारी से लेकर सुपरवाइजर तक होनी चाहिये। उन्होंने बताया कि आगामी 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर भोपाल में महिलाओं का विशाल सम्मेलन आयोजित होगा।