भोपाल !   मध्य प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने गुरुवार को कहा कि राज्य में महिलाओं से लेकर बच्चियां तक दरिंदगी का शिकार बन रही हैं, मगर राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान महिला वोटबैंक लूटने की जुगत में लगे हैं। नेता प्रतिपक्ष सिंह ने एक बयान जारी कर कहा कि राज्य में हर रोज महिलाओं व बच्चियों की इज्जत लूटी जा रही है और पुलिस पीड़ितों की बात तक सुनने को तैयार नहीं है। ग्वालियर में तो पुलिस ने एक पीड़िता से दुष्कर्म का सबूत तक मांग डाला और आखिर में पीड़ित युवती ने जान देना ही बेहतर समझा।
उन्होंने कहा कि ग्वालियर में पीड़ित महिला द्वारा आत्महत्या करना पहला मामला नहीं है। मुख्यमंत्री सीहोरे जिले से विधानसभा चुनाव जीत कर आते उस जिले में सात फरवरी को एक दलित छात्रा ने इसलिए आत्महत्या कर ली थी, क्योंकि पुलिस ने रिपोर्ट के बावजूद आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की। इसी तरह का मामला लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज के संसदीय क्षेत्र विदिशा का मामला है, जहां छेड़छाड़ से तंग आकर एक नाबालिग को आत्महत्या करना पड़ी।
राजगढ़ जिले में रिपोर्ट लिखाने के दो माह बाद भी कार्रवाई न होने पर विवाहिता ने खुदकुशी की। बैतूल में भी इस तरह की घटना होने पर राष्ट्रीय महिला आयोग ने पुलिस को दोषी बताया है। इंदौर में तो एक दुष्कर्म पीड़िता की रिपोर्ट पुलिस महानिरीक्षक के निर्देश पर लिखी गई। शिवपुरी में चार बहनों ने चार बार पुलिस अधीक्षक से शिकायत की है कि उन पर जिस्मफरोशी के लिए दबाव डाला जा रहा है, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।
नेता प्रतिपक्ष ने आगे कहा कि महिलाओं पर होते अत्याचार और उनकी शिकायतों पर पुलिस द्वारा कार्रवाई न किया जाना सरकार के महिला हितैषी होने के दावों की वास्तविकता को उजागर करता है।
उन्होंने कहा कि इन हालात में मुख्यमंत्री चौहान की महिलाओं के वोट बैंक लूटने की जुगत कामयाब होने वाली नहीं है।

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