बैतूल। एमपी के हाईप्रोफाइल केस का बैतूल पुलिस ने खुलासा कर दिया है। बैतूल एडीजे महेंद्र त्रिपाठी और उनके बेटे की मौत जहर से हुई थी। पूछताछ के दौरान जज की महिला मित्र संध्या सिंह ने सारे राज उगले हैं। उसने पुलिस के सामने कबूल किया है कि उनके परिवार को खत्म करने के लिए आटे में जहर मिला कर दिया था। महिला पिछले 10 सालों से जज के संपर्क में थी।
पुलिस के अनुसार एडीजे महेंद्र त्रिपाठी और उनके पुत्र अभिनयराज त्रिपाठी की साजिश की तहत हत्या की गई थी। यह साजिश उनकी महिला मित्र संध्या सिंह ने रची थी। महिला मित्र उनके पूरे परिवार को मौत के घाट उतारना चाहती थी। लेकिन छोटा बेटा और पत्नी बच गए। महिला एडीजे से उस वक्त से नाराज रहने लगी थी, जब उकी पत्नी साथ रहने लगी थी। साथ ही एडीजे उसके दिए पैसों को वापस लेने के लिए दबाव बना रहे थे।
बैतूल एसपी सिमाला प्रसाद ने कहा कि जांच से पता चला कि एडीजे को छिंदवाड़ा से संध्या ने पारिवारिक कलह दूर करने और अच्छे स्वास्थ्य के लिए तंत्र-मंत्र का सहारा लेने की सलाह दी थी। जिसके चलते दोनों के बीच आटे का अदान-प्रदान हुआ था। 26 जुलाई को उस आटे की रोटी खाने की वजह से एडीजे और उनके बेटे की मौत हो गई।
जज महेंद्र त्रिपाठी आरोपी महिला संध्या सिंह की आर्थिक मदद भी करते थे। एसपी सिमाला प्रसाद ने कहा कि एडीजे ने इन लोगों को पिछले 10 सालों में कई बार मदद के लिए पैसे दिए थे। प्रथम दृष्टता के अनुसार एडीजे पैसे वापस देने का दबाव डाल रहे थे। 6 लोगों के खिलाफ धारा 602, 307 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है।
दरअसल, पिछले कुछ दिनों से एडीजे अपने परिवार को अधिक समय दे रहे थे, जिससे संध्या स्वंय को अकेला महसूस करने लगी। लेनेदेन को लेकर भी दोनों के बीच कटुता बढ़ गई थी। इसी बात से नाराज संध्या ने एडीजे और उनके परिवार को खत्म करने की साजिश रची। संध्या ने एडीजे को परिवार में कलह खत्म करने और समृद्धि लाने का झांसा दिया। एक तांत्रिक से आटा अभिमंत्रित कर देने की बात उन्हें बताई। इसके लिए एडीजे तैयार हो गए। महिला 20 जुलाई को बैतूल आई और एडीजे को आटा देकर घर में रखे आटे में मिलाने और उसकी रोटियां खाने की सलाह दी। उसी रात रोटी खाने के बाद जज और उनके बेटों की तबीयत बिगड़ गई। पत्नी उस दिन चावल खाई थी।