ग्वालियर ! पानी से भरे गड्डों, नालियों व छोटे-छोटे तालाबों इत्यादि में 15 जून तक लार्वा नष्ट करने के उपाय सुनिश्चित करें, जिससे मच्छरों का प्रजनन न हो और मलेरिया पर प्रभावी नियंत्रण हो सके। यह निर्देश कलेक्टर डॉ. संजय गोयल ने मलेरिया नियंत्रण कार्यक्रम के तहत आयोजित हुई अंतरविभागीय एडवोकेसी एवं सामाजिक जुड़ाव कार्यशाला में मौजूद विभागीय अधिकारियों को दिए। उन्होंने साफ किया कि जिस क्षेत्र में मलेरिया के अधिक मरीज मिलेंगे, वहाँ के मलेरिया निरीक्षकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।गुरूवार को यहाँ राज्य स्वास्थ्य प्रबंधन एवं संचार संस्थान में आयोजित हुई कार्यशाला में डॉ. गोयल ने कहा कि पानी से भरे हुए गड्डों इत्यादि में जला हुआ तेल, गम्बूशिया मछली तथा अन्य प्रकार की कीटनाशक दवाईयाँ डालें। उन्होंने जिन गड्डों में मच्छरों का प्रजनन रोकने के लिये उपचार किया जा रहा है, उन सभी गड्डों की क्षेत्रवार सूची 20 जून तक माँगी है। कलेक्टर ने कहा कि गर्मी के मौसम में ही एहतियाती कदम उठाकर मच्छरों का प्रजनन सफलतापूर्वक रोका जा सकता है। उन्होंने हर हाल में बरसात से पूर्व यह काम पूर्ण करने की हिदायत दी। ग्वालियर शहर के अंतर्गत मलेरिया नियंत्रण कार्यक्रम में नगर निगम के अमले का सहयोग लेने के निर्देश भी दिए।
पिछले साल की भाँति घर-घर पेम्प्लेट के माध्यम से मलेरिया से बचने के उपायों के बारे में व्यापक प्रचार-प्रसार करने पर भी कलेक्टर ने विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा जिस क्षेत्र में 5 से ज्यादा मलेरिया के मरीज मिलें, उस क्षेत्र पर विशेष फोकस कर आवश्यक उपाय किए जाएँ। डॉ. गोयल ने निर्धारित प्रोटोकॉल के तहत मलेरिया के लिहाज से हाईरिस्क वाले क्षेत्रों में डीडीटी का छिडक़ाव कराने को कहा। साथ ही कहा कि जरूरत होने पर ग्राम स्वास्थ्य समिति के फण्ड से भी मच्छर रोधी दवाओं का छिडक़ाव कराया जा सकता है।
कार्यशाला में डेंगू व मलेरिया फैलाने वाले मच्छरों को पैदा होने से रोकने, मलेरिया के लक्षण व उपचार इत्यादि के बारे में विषय विशेषज्ञों ने विचार मंथन किया। मलेरिया की रोकथाम के लिये बनाई गई जिले की कार्ययोजना पर भी कार्यशाला में चर्चा हुई। इस मौके पर जानकारी दी गई कि स्वास्थ्य केन्द्रों एवं आशा कार्यकर्ताओं तक पर्याप्त मात्रा में मलेरिया की दवाओं का भण्डारण करा दिया गया है। कार्यशाला में सिविल सर्जन डॉ. डी डी शर्मा, जिला मलेरिया अधिकारी श्री मनोज कौरव व जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एस एस जादौन व डॉ. विनोद कुंदवानी तथा जिले के सभी मलेरिया निरीक्षक व सहायक मलेरिया निरीक्षक शामिल हुए।