ग्वालियर । इलाज की सुविधा उपलब्ध होने के बावजूद मरीजों को अनावश्यक जेएएच के लिये रेफर करने की प्रवृत्ति बर्दाश्त नहीं होगी। माधव डिस्पेंसरी में हाल ही में मरीजों की सहायता के लिये स्थापित किए गए काउण्टर तथा अन्य माध्यमों से इस पर नजर रखी जा रही है। यह बात कलेक्टर राहुल जैन ने जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में जिला चिकित्सालय के सिविल सर्जन तथा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को आगाह करते हुए कही। उन्होंने खासतौर पर जिला चिकित्सालय और जिले के अन्य सरकारी अस्पतालों के संबंध में यह निर्देश दिए।
शनिवार को यहाँ कलेक्ट्रेट के सभागार में आयोजित हुई बैठक में कलेक्टर जैन ने चिकित्सकों सहित पैरामेडीकल स्टाफ का युक्तियुक्तिकरण कर जिले के सभी अस्पतालों में स्टाफ की पूर्ति करने पर भी विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा इस काम को जल्द से जल्द अंजाम दें। साथ ही निर्देश दिए कि ग्रामीण अंचल के किसी भी अस्पताल से चिकित्सक व अन्य स्टाफ को शहर में कदापि पदस्थ न करें। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र डबरा में सिजेरियन प्रसव की सुविधा सुचारू रूप से उपलब्ध कराने के निर्देश उन्होंने डबरा बीएमओ को दिए।
कलेक्टर ने कहा कि जननी सुरक्षा योजना सहित लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की जो सेवायें लोक सेवा गारंटी कानून में शामिल हैं, वे सभी सेवायें निर्धारित समय-सीमा के भीतर जरूरतमंदों को मिल जाएँ। यदि इसमें एक दिन का भी विलम्ब हो तो स्वमेव अपील में लेकर संबंधित पदाविहित अधिकारी से अर्थदण्ड वसूलकर संबंधित हितग्राही को दिलायें। जैन ने गंभीर बीमारियों से पीड़ित बीपीएल परिवारों के मरीजों की सहायता के लिये मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के कार्यालय में राज्य बीमारी सहायता निधि की एक खिड़की स्थापित करने के निर्देश भी सीएमएचओ को दिए। बैठक में मुख्य चिकित्साी एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एस एस जादौन व सिविल सर्जन डॉ. व्ही के गुप्ता सहित अन्य राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों के प्रभारी, बीएमओ एवं सेक्टर चिकित्सा अधिकारी मौजूद थे।
जिला चिकित्सालय मुरार का होगा कायाकल्प
कलेक्टर राहुल जैन ने सिविल सर्जन को निर्देश दिए कि भिण्ड जिला चिकित्सालय की तर्ज पर जिला चिकित्सालय मुरार का कायाकल्प करें। उन्होंने जिला चिकित्सालय के सुधार संबंधी कार्ययोजना की बिंदुवार जानकारी सिविल सर्जन से माँगी है। जैन ने जिला चिकित्सालय की अंदरूनी व्यवस्थाओं के प्रबंधन के लिये एक चिकित्सक को नोडल अधिकारी की जिम्मेदारी सौंपने के निर्देश दिए। मालूम हो जनभागीदारी व जिला प्रशासन के सहयोग से भिण्डन जिला चिकित्सालय में आम मरीजों के लिये उत्कृष्ट अधोसंरचना तथा अन्य चिकित्सकीय सुविधायें जुटाई गई हैं।
एलिम्को के सहयोग से दिव्यांगों को मिलेंगे कृत्रिम अंग व उपकरण
कलेक्टर ने बैठक में जानकारी दी कि कृत्रिम अंग निर्माण से जुड़े प्रतिष्ठित संगठन एलिम्को द्वारा फरवरी माह के दौरान ग्वालियर में विशेष शिविर लगाकर जरूरतमंद दिव्यांगों को कृत्रिम अंग व सहायता उपकरण वितरित किए जायेंगे। इस सिलसिले में एलिम्को की एक टीम दिसम्बर माह में ग्वालियर आकर वार्ड-वार्ड में घूमेगी और पहले से चिन्हित दिव्यांगों के लिये कृत्रिम अंग व उपकरणों की नाप लेगी। स्वास्थ्य विभाग का अमला भी इससे पहले सभी दिव्यांगों की जरूरतों का आंकलन करने में मदद करे।