भोपाल। कोरोना मरीजों की बढ़ती रफ्तार के बीच आॅक्सीजन को लेकर भी परेशानी बढ़ रही है। मप्र सरकार कोरोना मरीजों के इलाज के लिए आॅक्सीजन की व्यवस्था करने के लिए 18 जिलों में लिक्विड़ मेडिकल आॅक्सीजन (एलएमओ) प्लांट लगाने जा रही है। ऐसे जिला अस्पतालों में ये प्लांट लगाए जाएंगे जिनमें आॅक्सीजन का प्लांट नहीं हैं और मेडिकल कॉलेज भी नहीं हैं। इससे क्रिटिकल की सुविधा दुरूस्त होगी और गंभीर मरीजों को समय पर आॅक्सीजन थैरेपी दी जा सकेगी। निजी कंपनियों से टेंड़र बुलाए गए हैं इसमें सबसे खास बात ये है कि आॅक्सीजन की शुद्वता 99% से कम नहीं होगी। और कंपनी पांच साल के लिए प्लांट लगाएगीं।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा 18 जिलों में एलएमओ प्लांट लगाए जा रहे हैं। इन्हें छह-छह जिलों के तीन समूृहों में बांटा गया है। पहले ग्रुप में देवास में 10 केएल का प्लांट लगेगा और होशंगाबाद, राजगढ़, बैतूल, बड़वानी, खरगोन में 7-7 केएल के एलएमओ प्लांट लगेंगे। दूसरे समूह में मुरैना जिला अस्पताल में 12 केएल, गुना,सतना में 10-10 केएल के प्लांट लगाए जाएंगे। भिंड़, पन्ना और सीधी में 7-7 केएल के एलएमओ प्लांट लगाए जाएंगे। तीसरे ग्रुप में कटनी और सिवनी में 10-10 केएल के प्लांट और बालाघाट, मंडला, नरसिंहपुर और दमोह में 7-7 केएल के लिक्विड़ मेडिकल आॅक्सीजन प्लांट्स लगाए जाएंगे। अगले दो महीनों में ये प्लांट जिला अस्पतालों में शुरू हो जाएंगे।
कोरोना के बढ़ते संकट को देखते हुए सप्लायर्स और वेंडर्स से अस्पतालों तक जंबो सिलेंडर के जरिए आॅक्सीजन पंहुचाने के लिए अब वेंडर भी तलाशे जा रहे हैं। भोपाल, सागर, उज्जैन, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर और रीवा संभागों में सिलेंडर रिफिलिंग करने वाले वेंडर का सिलेक्शन किया जाएगा। ताकि अस्पतालों में आॅक्सीजन की सप्लाई समय से हो सके। औद्योगिक क्षेत्र में उपयोग होने वाले सिलेंडर्स का भी कोरोना संकट को देखते हुए उपयोग करने पर विचार चल रहा है।