भोपाल | मध्य प्रदेश के कई हिस्सों में बारिश हुई और ओले पड़े। खेतों में पानी भर गया और ओलों की सफेद चादर तक बिछ गई। बारिश और ओले ने गेहूं तथा चने की फसल को चौपट कर दिया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों को हुए नुकसान का आकलन करने के निर्देश जारी किए हैं।
राज्य के कई हिस्सों में पिछले दो दिनों में बादल कहर बनकर बरसे हैं। जोरदार बारिश के साथ गिरे ओलों ने फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है। रतलाम, सिवनी, डिंडौरी, नरसिंहपुर सहित कई हिस्सों में हुई बारिश और ओलों ने खेतों में लहलहाती फसल को बुरी तरह प्रभावित किया है। अच्छी फसल की आस लगाए किसानों की उम्मीदों पर बारिश ने तुषारापात कर दिया है। खेतों में खड़ी फसल जमीन पर बिछ गई है और खेत पानी व ओलों से पट गए। रविवार को हालांकि मौसम कुछ साफ हुआ है। किसानों का कहना है कि बारिश व ओलावृष्टि से चना और गेहूं की फसल लगभग 25 प्रतिशत क्षतिग्रस्त हुई है। किसानों ने नुकसान की भरपाई के लिए सरकार से राहत राशि की मांग की है। मुख्यमंत्री शिवराज ने प्रदेश के ओला तथा अतिवृष्टि प्रभावित क्षेत्रों में तत्काल सर्वेक्षण कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि प्रभावित क्षेत्रों में किसानों को शीघ्र राहत पहुंचाई जाएगी। इस संकट की घड़ी में सरकार किसानों के साथ है। चौहान ने अतिवृष्टि तथा ओलावृष्टि से उत्पन्न स्थिति की समीक्षा करते हुए कहा कि सर्वेक्षण के आधार पर किसानों को तत्काल राहत उपलब्ध कराई जाए और फसल बीमा योजना का लाभ मिलना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों में रोजगारमूलक कार्य भी शीघ्र शुरू कराने के निर्देश दिए हैं।