भोपाल ! मध्य प्रदेश में सर्वशिक्षा अभियान की राशि से राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से संबद्घ संस्था की देवपुत्र पत्रिका खरीदने के मामले की कांग्रेस ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से शिकायत की है। वहीं प्रदेश की स्कूली शिक्षा मंत्री अर्चना चिटनीस ने कांग्रेस के आरोपों को निराधार बताया है। नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने सेामवार को कांग्रेस विधायकों के साथ सीबीआई के दफ्तर पहुंचकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ केन्द्रीय योजना राशि में भ्रष्टाचार करने की शिकायत का आवेदन दिया। नेता प्रतिपक्ष ने सीबीआई को बताया कि मध्यप्रदेश सरकार ने सर्वशिक्षा अभियान के तहत मिली 19़ 20 करोड़ रुपये की राशि का नियम विरूद्घ संस्था विशेष को लाभ पहुंचाने के लिए उपयोग किया, जो कि गंभीर अपराध है।
उन्होंने सीबीआई के भोपाल पुलिस अधीक्षक से मुख्यमंत्री द्वारा सरकारी फाइलों में छेड़छाड़ कर उसे अपने मन-माफिक करने और संस्था विशेष को लाभ पहुंचाने के गंभीर अपराध को संज्ञान में लेते हुए शिकायत दर्ज कर उनके खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया।
शिकायत में नेता प्रतिपक्ष ने बताया कि मध्यप्रदेश सरकार को सर्वशिक्षा अभियान के तहत कक्षा पहली और दूसरी के विद्यार्थियों के लिए रीडिंग डेवलपमेंट सेल बनाना था, जिसमें विद्यार्थियों के लिए पुस्तकें क्रय की जानी थी।
शिकायत में कहा गया है कि सरकार ने इस राशि का सारे नियम कायदों को दरकिनार कर उपयोग किया, जिसका एक मात्र उद्देश्य आरएसएस से संबद्घ संस्था की पत्रिका देवपुत्र को लाभान्वित करना था। नियम अनुसार केन्द्र सरकार की राशि का उपयोग उन्हीं मदों और उद्देश्यों के लिए किया जाता है जिसके लिए वह निर्धारित है। इतना ही नहीं यह पुस्तक जिन विद्यार्थियों के लिए है, वह उनके मानसिक स्तर से काफी ऊपर है।
नेता प्रतिपक्ष सिंह ने सीबीआई को सौंपी अपनी शिकायत में कहा कि राज्य सरकार की मंशा स्पष्ट थी कि इस राशि को येन-केन प्रकारेण आरएसएस को देना है। इसके लिए उसने इस राशि के उपयोग के लिए गठित उस समिति को भी दरकिनार कर दिया जिसके अध्यक्ष स्वयं मुख्यमंत्री है।
सर्व शिक्षा अभियान के रीडिंग डेवलपमेंट की राशि 19़20 करोड़ में से 13 करोड़ 26 लाख 40 हजार 800 रुपये का भुगतान देवपुत्र पत्रिका खरीदने के लिए आगामी 15 वर्षो के लिए कर दिया गया। इस राशि में से 50 प्रतिशत राशि का अग्रिम भुगतान भी कर दिया गया। शेष राशि किश्तों में अगले तीन वर्षो में किया जाना है।
नेता प्रतिपक्ष का आरोप है कि देवपुत्र की खरीदी के लिए अपनाई गई प्रक्रिया में अधिकारियों ने स्पष्ट तौर पर लिखा है कि एनसीईआरटी द्वारा चयनित पुस्तकें ही खरीदी जा सकती हैं। साथ ही इस राशि का एक ही वर्ष अर्थात 2009-10 में ही उपयोग होना जरूरी है।
प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा ने नोट शीट पर लिखा था कि ‘सर्व शिक्षा अभियान की क्रय समिति द्वारा आजीवन देवपुत्र पुस्तिका के क्रय के प्रस्ताव का अनुमोदन नहीं दिया गया था।’
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को यह टीप अपनी मंशाओं के विपरीत लगी तो उन्होंने शासकीय फाइल में छेड़छाड़ करते हुए एक दूसरी नोटशीट उसी दिनांक में दबाव डालकर लिखवाई जिसमें देवपुत्र पत्रिका को अगले 15 वर्षो तक सर्व शिक्षा अभियान के तहत रीडिंग डेवलपमेंट सेल को मिली राशि से खरीदने को अनुमोदित किया गया। साथ ही देवपुत्र पत्रिका के संपादक अस्थाना को 13 करोड़ 26 लाख 40 हजार 800 रुपये का चेक जारी करने के आदेश दिए गए। नेता प्रतिपक्ष ने दोनों नोटशीट की प्रति भी शिकायत के साथ सीबीआई को दी।
वहीं स्कूल शिक्षा मंत्री अर्चना चिटनीस ने नेता प्रतिपक्ष द्वारा लगाए गए सभी आरोपों को निराधार बताते हुए कहा है कि देवपुत्र पत्रिका देश में सबसे ज्यादा बिकने वाली पत्रिका है, इसका प्रमाण आडिट ब्यूरो ऑफ सर्कुलेशन की रिपोर्ट है।
देवपुत्र पत्रिका खरीदने में सभी नियम व प्रक्रिया का पालन किया गया है। वे यह नहीं बता पाई कि पत्रिका खरीदने का जब फैसला हुआ तब कौन-कौन से और पत्रिकाओं का परीक्षण किया गया और खरीदी का फैसला लेने वाली समिति के सदस्य कौन-कौन थे।