भोपाल ! मध्यप्रदेश में किसानों को खेती-किसानी की नवीनतम तकनीकों की जानकारी इंटरनेट के जरिए दी जा रही है। प्रदेश में अब तक किसानों को 293 लाख ई-मेल संदेश भेजे गए हैं। यह आंकड़ा देश में सर्वाधिक है। वर्तमान में प्रदेश के सभी 313 विकासखंडों में कृषि ज्ञान केंद्रों के माध्यम से किसानों को इंटरनेट द्वारा नि:शुल्क उन्नत आधुनिक तकनीक से अवगत कराया जा रहा है। आधिकारिक तौर पर दी गई जानकारी के अनुसार, प्रदेश के किसान-कल्याण और कृषि विकास विभाग द्वारा हिंदी में देश की पहली वेबसाइट शुरू की गई है। कृषि क्षेत्र में ई-गवर्नेस की महत्वपूर्ण पहल साबित हुई इस वेबसाइट को राज्य सरकार से लगातार पांच वर्ष श्रेष्ठ क्रियान्वयन की श्रेणी में प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुआ है।

खेती-किसानी की तरक्की की सीख और उपलब्धियों का उत्सव कृषि महोत्सव प्रदेश में विभिन्न कार्यक्रमों के साथ मनाया जा रहा है। इसमें किसानों के कल्याण के लिए चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी विभिन्न विभाग के अधिकारियों द्वारा दी जा रही है। किसानों की समस्याओं को जांचने और उनका स्थल पर निराकरण करने के लिए राज्य-स्तर पर कृषि महोत्सव का प्रयास सफल रहा है।

किसानों के हित में चलाई जा रही योजनाओं पर नजर दौड़ाएं तो पता चलता है कि कृषि यंत्रों का प्रचलन बढ़ाकर समय, पूंजी और श्रम की बचत के उद्देश्य से यंत्रदूत योजना संचालित की जा रही है। इसके साथ ही बेरोजगार युवकों को यंत्र सुधारने के लिये प्रशिक्षण तथा आर्थिक सहायता देकर गांव में ही वर्कशप स्थापित होंगी।

बताया गया है कि लघु किसानों को गहरी जुताई के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से प्रदेश में हलधर योजना का हजारों किसान लाभ ले रहे हैं। ग्रामीण परिवेश में कृषि कार्यो को सुगम बनाने एवं गौवंश को संरक्षित करने के लिए किसानों को बैलगाड़ी खरीदने के लिए अनुदान दिया जा रहा है।
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