भोपाल । मप्र के श्योपुर जिले में कोहराम मच गया है। यहां के जिला अस्पताल में बदइंतजामी के चलते  पिछले 24 घंटों में 15 मरीजों की मौत हो गई है। यहां 1 मई से अभी तक 60 मरीजों की मौत हो चुकी है। जिला प्रशासन इस घटना को दबाने का प्रयास कर रहा है, लेकिन मामला छुपाए नहीं छुप रहा। हालांकि, ये सारी मौतें कोरोना संक्रमण की वजह से नहीं हुई हैं, लेकिन इन मरीजों की हालत भी यहां दयनीय बनी हुई है। मरीजों के परिजन आए दिन हंगामा करते हैं।

स्वास्थ्य विभाग की बदइंतजामी की वजह से श्योपुर के जिला अस्पताल में ऐसा कोई दिन नहीं निकल रहा जिस दिन 10-12 मरीजों की जान न जा रही हो। जिले के जिम्मेदार अधिकारी इन हालातों को सुधारने की बजाए, मौतों को छुपाने में जुटे हुए हैं। गुरुवार को सुबह 9 बजे तक एक के बाद एक लगातार 3 मरीजों ने दम तोड़ दिया। इस दौरान एक मरीज के परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा कर दिया। इस दौरान नौबत स्टाफ और परिजनों के बीच हाथा-पाई की नौबत भी आ गई। पुलिस और प्रशासन की टीमों ने मौके पर पहुंचकर मामला शांत कराया।

असुविधाएं बन रहीं मौत का कारण

जिला अस्पताल में अगर सुविधाओं की बात करें तो गंभीर मरीजों को आईसीयू और वेंटिलेटर की सुविधा तो दूर सांस लेने के लिए कई बार समय पर ऑक्सीजन भी नहीं मिल पाती। इसी वजह से पिछ्ले सोमवार को ऑक्सीजन की कमी से 4 मरीजों की मौते होने के बाद बुधवार को 2 और मरीजों ने ऑक्सीजन की कमी से दम तोड़ दिया। बुधवार से गुरुवार की सुबह 9 बजे तक जिला अस्पताल में 15 मरीज इसी बदहाली की वजह से दम तोड़ चुके हैं।

कंधे पर ऑक्सीजन ला रहे परिजन

एक मृतक महिला के रिश्तेदार ने बताया कि जिला अस्पताल में हालात ये हैं कि मरीज के परिजनों को कंधे पर रखकर ऑक्सीजन लाना पड़ रहा है। अस्पताल का आधे से ज्यादा स्टाफ बहानेबाजी करके लंबी छुट्टी लेकर गायब है। अस्पताल के सिविल सर्जन डॉक्टर आरबी गोयल से लेकर अन्य डॉक्टर निजी प्रैक्टिस में व्यस्त हैं। ऐसे हालातों में मरीज अव्यवस्थाओ की बलि चढ़ रहे हैं। मरीजों के अटेंडरों का कहना है कि अस्पताल में सुविधाओं के नाम पर कोई व्यवस्था नहीं मिल रही। ऑक्सीजन के सिलेंडर उन्हें कंधे पर रखकर भरवाने पड़ रहे हैं। रोजाना अनगिनत मौतें हो रही हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *