भोपाल । प्रदेश में महात्मा गाँधी नरेगा योजना के माध्यम से साढ़े चार लाख से अधिक मजदूरों को रोजगार मुहैया कराया जा रहा है। प्रदेश की 19 हजार 528 ग्राम पंचायतों में 84 हजार 246 रोजगार-मूलक कार्य संचालित हैं। कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए श्रमिकों को स्व-सहायता समूहों द्वारा बनाये गये होम-मेड मास्क दिये गये हैं। साथ ही, सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन कड़ाई से किया जा रहा है।


अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास मनोज श्रीवास्तव ने बताया कि प्रदेश में म.प्र. ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत स्व-सहायता समूहों की महिला सदस्य कोरोना संक्रमण को रोकने के लिये होम-मेड मास्क तैयार कर रही है। उन्होंने बताया कि 14 अप्रैल, 2020 को देश में कुल 3 करोड़ मास्क विभिन्न संस्थाओं द्वारा तैयार किये गये हैं। इनमें से प्रदेश के 3475 स्व-सहायता समूहों के 11 हजार 444 महिला सदस्यों द्वारा 55 लाख 70 हजार होम-मेड मास्क तैयार किये गये हैं। देश में मास्क निर्माण में प्रदेश के स्व-सहायता समूहों की 20 प्रतिशत से अधिक भागीदारी है। इसके साथ ही, स्व-सहायता समूहों द्वारा 34 हजार 210 लीटर सेनिटाइजर और एक लाख से अधिक हेण्ड-वॉश सोप बनाये जा चुके हैं।


कोरोना संक्रमण में सोशल डिस्टेंसिंग का पर्याय बनते हुए बैंक सखियों द्वारा लॉकडाउन अवधि में 3 अप्रैल से 23 अप्रैल तक 17.74 करोड़ रुपये की राशि बैंक खातों से निकाल कर हितग्राहियों को घर-घर जाकर भुगतान किया है। प्रदेश में म.प्र. ग्रामीण आजीविका मिशन समूह की पढ़ी-लिखी सदस्य या उनके परिवार की 545 बेटियाँ बैंक सखियों के रूप में कार्यरत हैं। बैंक सखियाँ विभिन्न बैंकों के प्रतिनिधि के रूप में कार्य करती हैं तथा स्वयं घर जाकर या क्यॉस सेंटर पर उपस्थित रहकर बैंकिंग कार्य करती हैं। लॉकडाउन अवधि में 545 बैंक सखियों द्वारा 90 हजार 538 ट्रांजेक्शन किये हैं, जो अपने आप में रिकार्ड है।
 

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