भोपाल ! मध्य प्रदेश की व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) फर्जीवाड़े को लेकर विधानसभा से लेकर सड़क तक पर सियासी घमासान तेज हो गया है। कांग्रेस ने विधानसभा में राज्यपाल राम नरेश यादव के अभिभाषण का विरोध किया तो सड़क पर अपने गुस्से का इजहार किया। तो वहीं भारतीय जनता पार्टी अपने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ खड़ी हो गई है। व्यापमं मामले में कथित तौर पर राज्यपाल रामनरेश यादव का नाम आने पर कांग्रेस ने बुधवार को विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन जमकर हंगामा किया और राज्यपाल का अभिभाषण भी नहीं सुना। कांग्रेस लगातार राज्यपाल के इस्तीफे की मांग करती आ रही है। बुधवार को राज्य विधानसभा के बजट सत्र की शुरुआत मंे जैसे ही राज्यपाल यादव ने अपने अभिभाषण की शुरुआत की कांग्रेस ने आरोपों की झड़ी लगा दी।
कांग्रेस विधायक रामनिवास रावत का कहना था कि आज उनके लिए दुखद दिन है जब उन्हें उन महामहिम का भाषण सुनना पड़ रहा है, जिन पर आरोप है। नेता प्रतिपक्ष सत्यदेव कटारे ने सीधे तौर पर राज्यपाल का इस्तीफा मांगा।
कांग्रेस द्वारा आरोप लगा कर सदन में हंगामा किए जाने पर सत्तापक्ष ने भी मोर्चा संभाल लिया। सरकार की ओर से मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, नरोत्तम मिश्रा, गोपाल भार्गव, भूपेंद्र सिंह, उमाशंकर गुप्ता ने कहा कि कांग्रेस का यह कृत्य लोकतंत्र की मयार्दाओं के खिलाफ है। आज का दिन राज्य के इतिहास का काला दिन है।
वहीं कांग्रेसी सदन के बाहर सड़कों पर भी प्रदर्शन करते नजर आए। युवक कांग्रेस की प्रदेश इकाई ने बुधवार को व्यापमं घोटाले और भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के खिलाफ विधानसभा के घेराव से पहले लिली टॉकीज चौराहे पर एक सभा का आयोजन किया। इस सभा को कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष अरुण यादव, युवक कांग्रेस के अध्यक्ष अमरेंद्र सिंह सहित कई विधायकों ने संबोधित किया।
सभा के बाद कांग्रेस व युवक कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने अपने पूर्व घोषित कार्यक्रम के मुताबिक विधानसभा की ओर बढ़ने की कोशिश की, जिन्हंे बैरिकेट्स लगाकार और पानी की बौछारें छोड़कर रोकने की पुलिस ने कोशिश की। जब कांग्रेस कार्यकर्ता बैरीकेट्स लांघकर आगे बढ़ने लगे तो पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच धक्का-मुक्की भी हुई। बाद में पुलिस ने बड़ी संख्या में कांग्रेस नेताओं व कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया।
मुख्यमंत्री चौहान ने कांग्रेस द्वारा सीधे तौर पर उन पर आरोप लगाए जाने पर एसआईटी को पत्र लिख दिया है। इस पत्र में कहा गया है कि पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह द्वारा की गई शिकायत में संविदा शाला शिक्षक दो तथा तीन एवं सहायक ग्रेड-तीन की व्यापम द्वारा ली गई परीक्षा के संबंध में किए गए अन्वेषण पर प्रश्न उठाया गया है साथ ही अप्रमाणित एक्सेलशीट प्रस्तुत की गई है।
इस एक्सेलशीट में 47 जगह सीएम दर्ज होने का दावा किया गया है। चौहान ने इसकी तत्काल जांच का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि इस भ्रामक शिकायत की तत्काल जांच से प्रदेश की जनता को सत्यता ज्ञात हो सकेगी।
कांग्रेस द्वारा मुख्यमंत्री चौहान पर बोले गए सीधे हमले के चलते पार्टी भी चौहान के साथ खड़ी हो गई है। पार्टी के उपाध्यक्ष और प्रदेश प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे ने कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि पार्टी का केद्रीय नेतृत्व चौहान के साथ है।
राजधानी भोपाल में सदस्यता अभियान की समीक्षा करने आए सहस्त्रबुद्धे ने बुधवार को संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा कि एकता के अभाव से ग्रस्त कांग्रेस के कई बड़े नेता काफी मेहनत मशक्कत के बाद एकजुट हुए और उन्होंने प्रदेश के लोकप्रिय मुख्यमंत्री के खिलाफ शिगूफेबाजी की है। यह पता नहीं कि जो कागज कांग्रेस नेताओं ने जारी किए हैं वह कहां से आए हैं।
सहस्त्रबुद्धे ने कहा है कि कांग्रेस के नेता आरोपियों को बचाने के लिए जांच को भटकाना चाहते हैं, कांग्रेस नेताओं ने न्याय व्यवस्था के राजनीतिकरण की कोशिश की है। विपक्ष की यह कोशिश सफल नहीं होगी।
भाजपा के प्रदेश प्रभारी ने कहा कि चौहान वास्तव में दोषियों को सजा दिलाना चाहते हैं, यही कारण है कि उन्होंने खुद इस मामले की जांच के निर्देश दिए थे। इतना ही नहीं चौहान ने एसआईटी को पत्र लिखकर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के आरोपों की भी जांच की मांग की है।

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