भोपाल ! मध्य प्रदेश में लगभग डेढ़ माह में स्वाइन फ्लू से 76 लोगों की मौत हो चुकी है, यानी हर दो दिन में तीन से ज्यादा मौतें, वहीं सरकार और स्वास्थ्य अमला दावा कर रहा है कि हालात काबू में है। राज्य के अस्पतालों में लगातार स्वाइन फ्लू पीड़ित मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है। वहीं हर रोज राजधानी भोपाल से लेकर छेाटे शहरों तक से मौत होने की खबरें आ रही हैं। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने माना है कि अब तक इस बीमारी से 76 लोगों की जान जा चुकी हैं।
स्वास्थ्य मंत्री मिश्रा ने सोमवार को संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा कि राज्य में इस वर्ष स्वाइन फ्लू से 76 मरीजों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा 298 मरीजों के स्वाब के नमूने पॉजिटिव पाए गए थे, इनमें से 116 मरीज स्वस्थ्य हो गए हैं।
मिश्रा ने आगे बताया कि स्वाइन फ्लू के पीड़ित मरीजों के उपचार की बेहतर व्यवस्था की गई है, और अब राज्य में बीमारी की स्थिति में सुधार आ रहा है।
दूसरी ओर, मुख्य सचिव अंटोनी डिसा ने सोमवार को राज्य में स्वाइन फ्लू नियंत्रण के प्रयासों की समीक्षा की। राज्य शासन द्वारा गठित समन्वय समिति प्रतिदिन रोग नियंत्रण के प्रयासों की समीक्षा कर रही है।
मुख्य सचिव डिसा ने बैठक में कहा कि स्वाइन फ्लू के बेहतर नियंत्रण के लिए यदि और अधिक संख्या में निजी अस्पतालों को चिह्न्ति और पंजीकृत करना जरूरी हो तो यह कार्य तत्काल किया जाए। मुख्य सचिव ने बैठक में निर्देश दिए कि जिला स्तर पर भी रोग नियंत्रण की नियमित समीक्षा की जाए।
प्रमुख सचिव, स्वास्थ्य प्रवीर कृष्ण ने बताया कि राज्य में अब रोग तेजी से नियंत्रित हो रहा है। डेढ़-दो माह पहले से एहतियात के तौर पर जरूरी उपाय प्रारंभ कर दिए गए थे। इस समय राज्य में 51 जिला अस्पताल, छह चिकित्सा महाविद्यालय और 34 निजी अस्पताल स्वाइन फ्लू के रोगियों के उपचार का कार्य कर रहे हैं। चिकित्सकों को आवश्यक प्रशिक्षण भी दिया गया है। टेमीलू दवा, पीपीई किट, मास्क और पल्स ऑक्सीलेटर जैसी सामग्री पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराई गई हैं।

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