भोपाल। मध्यप्रदेश के मंत्री, विधायकों को अब मरने का डर सताने लगा है क्योंकि डेढ दशक में 32 विधायकों के निधन को लेकर मंत्री और विधायक सभी चितिंत है। विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान मध्यप्रदेश के मुरैना जिले के जौरा से दिवंगत कांग्रेस विधायक बनवारी लाल शर्मा को श्रद्धांजलि दी गई। श्रद्धांजलि के दौरान विपक्ष के नेता गोपाल भार्गव का बयान चर्चाओं का केंद्र बन गया। भार्गव ने कहा पिछले 15-16 वर्षों में हमारे लगभग 32 विधायकों की (मध्यप्रदेश में) मौत हो चुकी है। इसका मतलब है कि विधानसभा में वास्तु का प्रभाव है। कांग्रेस नेता उनके बयान को अंधविश्वास पूर्ण बता रहे हैं, वहीं जब दिग्विजय सिंह मुख्यमंत्री थे तब उन्होंने वास्तु दोष निवारण के लिए यज्ञ कराया था।

मुरैना जिले के जौरा से कांग्रेस विधायक बनवारी लाल शर्मा कैंसर से पीडित थे और कई साल से बीमार थे। उनका लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था। उन्हें श्रद्धांजलि देते समय वास्तु दोष पर चर्चा करते समय गोपाल भार्गव ने कहा विधानसभा में वास्तु का प्रभाव है और अगर इन चीजों का प्रभाव है तो कोई अतिरिक्त खर्च नहीं हो तो इस पर ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि वास्तु आज शास्त्र के साथ-साथ विज्ञान भी बन चुका है।

पूर्व विधानसभा स्पीकर सीताशरण शर्मा ने भी वास्तुदोष की बात मानी थी और इसे दूर करने के उपाय कराने की बात कही थी। 2016 में कांग्रेस नेता सत्यदेव कटारे की मौत और 2017 में चित्रकूट से कांग्रेस विधायक प्रेम सिंह, गुना जिले के मुंगावली से कांग्रेस विधायक महेंद्र सिंह कालूखेड़ा और कोलारस विधायक रामसिंह यादव की मौत के बाद इस चर्चा ने जोर पकड़ा था। इससे पहले पिछोर विधायक केपी सिंह ने भी कहा था कि विधानसभा में वास्तु दोष का असर है, इसलिए हमारे विधायकों का निधन हो रहा है।

कांग्रेस की दिग्विजय सिंह के नेतृत्व वाली सरकार के समय भी वास्तु-दोष को दूर करने के लिए भवन में यज्ञ कराया गया था। इसमें तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी शामिल हुए थे, इस पर मामला काफी विवादित हो गया था और चर्चा में रहा था। इसके बाद भाजपा सरकार में विधानसभा अध्यक्ष ईश्वरदास रोहाणी ने भी विधानसभा के अंदर वास्तु पूजा कराई थी।

कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने कहा कि मामला हमारे संज्ञान में आया है। विधानसभा वास्तु दोष से ग्रस्त है, ऐसी बातें अंधविश्वास वाली हैं और हम इन्हें नहीं मानते हैं। जिन विधायकों का निधन हुआ, वो अपनी उम्र जीकर गए हैं। फिर भी अगर ऐसा कुछ है तो उस पर विचार किया जाएगा। भाजपा इसी तरह के मुद्दे उठाती है।
1998 से अब तक दिवंगत मध्यप्रदेश के विधायक
14वीं विधानसभा में – 2013-2018
2014- भाजपा के बहोरीबंद विधायक – प्रभात पांडेय
2015- भाजपा के गरोठ विधायक – राजेश यादव
2015 – भाजपा देवास विधायक – तुकोजी पवार
2016 – घोडाडोंगरी से भाजपा विधायक – सज्जन सिंह उइके
2016- नेपानगर से भाजपा विधायक – राजेंद्र श्यामलाल उर्फ दादू
2016- अटेर से कांग्रेस विधायक – सत्यदेव कटारे
2017- चित्रकूट से कांग्रेस विधायक – प्रेम सिंह
2017- मुंगावली से कांग्रेस विधायक – महेंद्र सिंह कालूखेडा
2017- कोलारस से कांग्रेस विधायक – रामसिंह यादव
13वीं विधानसभा 2008-2013
2009- गोहद से कांग्रेस विधायक – माखनलाल जाटव
2010- कुक्षी से कांग्रेस विधायक – जमुनादेवी (पूर्व विधानसभाअध्यक्ष )
2011- जबेरा से कांग्रेस विधायक – रत्नेश सॉलोमन
2013- नीमच से भाजपा विधायक – खुमान सिंह शिवाजी
2013- केवलारी से कांग्रेस विधायक – हरवंश सिंह
2013- जबलपुर से भाजपा विधायक – ईश्वर दास रोहाणी (पूर्व विधानसभाअध्यक्ष )
12वीं विधानसभा – 2003-2008
2006- पंधाना से भाजपा विधायक – किशोरीलाल वर्मा
2007- लांजी से भाजपा विधायक – दिलीप भटेरे
2007- सांवेर से भाजपा विधायक – प्रकाश सोनकर
2008- सारंगपुर से भाजपा विधायक – अमर सिंह कोठार
2008- भाजपा के ब्यौहारी विधायक – लवकेश सिंह
2008- इंदौर से भाजपा विधायक – लक्ष्मण सिंह गौड ( मंत्री )
2008- जतारा के भाजपा विधायक – सुनील नायक
11वीं विधानसभा 1998 से 2003
1999- जबलपुर से भाजपा विधायक – ओंकार प्रसाद तिवारी
1999- सोहागपुर से कांग्रेस विधायक – कृष्णपाल सिंह
1999- मनावर से कांग्रेस विधायक – दरियाव सिंह सोलंकी
1999- अलीराजपुर से कांग्रेस विधायक- मगन सिंह पटेल
1999- किरनापुर से कांग्रेस विधायक – लिखीराम कावरे
1999- गुना से कांग्रेस विधायक – शिवप्रताप सिंह
2000- लखनादौन से कांग्रेस विधायक – रणधीर सिंह
2003- भीकनगांव से भाजपा विधायक – लालसिंह पटेल
2003- अलीराजपुर से कांग्रेस विधायक – वेस्ता पटेल

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