भोपाल। मध्यप्रदेश के लगभग सभी हिस्सों में लगातार बारिश और बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। नर्मदा, ताप्ती, बेतवा सहित सभी प्रमुख नदियां कई जगह खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। मौसम विभाग के अनुसार, एक जून से अब तक 614 मिली मीटर बारिश हो चुकी है, जो सामान्य 550 मिली मीटर से 64 मिमी ज्यादा है। मप्र में बारिश का कोटा 30 सितंबर तक 953 मिली मीटर है।

मौसम विभाग के मुताबिक, प्रदेश के 30 से ज्यादा जिलों में बीते 24 घंटे के दौरान 10 सेमी से ज्यादा बारिश दर्ज की गई, जबकि भोपाल में 9.8 सेमी पानी बरसा। प्रदेश में आफत बनी बारिश के चलते शनिवार को मंदसौर का हवाई सर्वे करने पहुंचे मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि अब तक हजारों एकड़ फसल बर्बाद हो चुकी है, जबकि मप्र में अब तक बारिश से 32 लोगों की जान चली गई है। प्रभावितों को सरकार सभी जरूरी मदद मुहैया कराएगी।

वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक एके शुक्ला ने बताया कि मानसूनी सिस्टम राजगढ़ के पास पहुंच गया है। इसके आगे जाकर कमजोर होने की संभावना है। इससे बारिश में कमी आएगी। बंगाल की खाड़ी में 12 अगस्त को नया सिस्टम बनने के संकेत हैं। इस कारण राजधानी और प्रदेश में 14 अगस्त से फिर तेज बारिश के आसार हैं।

मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक, आगामी 24 घंटों के दौरान भी मध्यप्रदेश के जिलों में कुछ स्थानों हल्की से मध्य बारिश की संभावना है। पश्चिम मध्य प्रदेश और पूर्वी राजस्थान पर अवसाद (डिप्रेशन) पिछले छह घंटे में और मध्यप्रदेश के पश्चिमी भागों पर स्थित अवसाद (डिप्रेशन) लगभग 40 किमी प्रति घंटा के साथ पश्चिम-उत्तर की ओर बढ़ा है। ड्रिप्रेशन शहडोल, उमरिया, कटनी, दमोह, सागर, विदिशा, राजगढ, आगर मालवा मंदसौर, नीमच से दक्षिण-पूर्व राजस्थान को और चला गया है। जहां उसके कमजोर पडने एवं काम दवाब के क्षेत्र में परिवर्तित होने की संभावना है।

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