भोपाल। कांग्रेस विधायक मुन्नालाल गोयल शनिवार को अपनी ही सरकार से नाराज होकर विधानसभा के मुख्यगेट के पास धरने पर बैठ गए। सुबह 11 बजे वह समर्थकों के साथ विधानसभा पहुंचे। यहां गोयल समर्थकों के साथ विधानसभा की बैरिकेडिंग गेट से ऊपर चढ़े और फांदकर गांधीजी की प्रतिमा तक पहुंचे। गोयल सिंधिया समर्थक विधायक माने जाते हैं।
गोयल ने कहा कि कांग्रेस सरकार अपने वचनपत्र में शामिल वादे पूरा नहीं कर रही है। इसलिए मैं धरना देने के लिए मजबूर हुआ हूं। उन्होंने कहा कि न मैं मुख्यमंत्री से नाराज हूं और न ही अन्य किसी मंत्री से। मैं चाहता हूं कि कांग्रेस ने वचन पत्र में किए गए वादों को पूरा किया जाए।

नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने ग्वालियर विधायक मुन्नालाल गोयल के धरने पर तंज किया है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में गूंगी बहरी सरकार विपक्ष और जनता तो दूर अब अपने ही विधायकों की नहीं सुन रही है। विधायक सुनीता पटेल और अब मुन्नालाल गोयल मुख्यमंत्री कमलनाथ जी को वचन याद दिला रहे हैं। यह इस बात का प्रमाण है कि सरकार से कार्यप्रणाली से उसके ही विधायक भी खुश नहीं है।

इससे पहले गोयल ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री कमलनाथ को चिट्ठी लिखकर धरने पर बैठने की घोषणा की थी। उन्होंने लिखा था कि सत्तादल का विधायक बनने के बाद अपने क्षेत्र के भूमिहीन परिवारों के आशियानों पर ठंड में बुल्डोजर चलते देख रहा हूं। प्रशासन के अधिकारियों से कांग्रेस कार्यकर्ता का अपमान होते देख रहा हूं। अब इसे नहीं देख सकता हूं। गोयल ने कहा कि वे इस मांग पर भी अडिग हैं कि विधायकों की समस्याओं के निराकरण के लिए 15 दिन में एक बार प्रत्येक संभाग के विधायकों को बुलाकार विकास कार्यों की समीक्षा की जाना चाहिए।
गोयल ने कहा कि कल पत्र लिखने के बाद उनसे अभी तक किसी ने संपर्क नहीं किया है। लेकिन उम्मीद है कि आगामी 8-10 दिन में कोई सकारात्मक कदम उठाया जाएगा। विधायक गोयल ग्वालियर में पिछले 20 वर्षों से निवास कर रहे 1200 गरीब भूमिहीन परिवारों को पट्टा नहीं मिलने से नाराज हैं। उन्होंने कहा कि ये गरीब जहां रहते हैं, वहां पर प्रशासन ठंड में बुलडोजर चला रहा है।

गोयल ने पत्र में लिखा था कि मुख्यमंत्री के रूप में आप पर काम के बोझ को मैं महसूस करता हूं। आपको विधायकों से मिलने का समय नहीं है, लेकिन जिस जनता ने मुझे विधायक चुना है, उसके हितों का ख्याल रखना मेरा फर्ज है। पिछले छह माह में मुख्यमंत्री से लेकर संबंधित मंत्रियों को कई बार पत्र दे चुका हूं। लेकिन समस्याएं जस की तस हैं। उन्होंने आगे कहा था कि आपको जगाने के लिए 17 जनवरी के विधानसभा सत्र की कार्यवाही का बहिर्गमन किया है।

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