भोपाल। मध्यप्रदेश के विधायकों की खरीद- फरोख्त के मामले में दिल्ली-एनसीआर में आधी रात खींचतान चलती रही। मंगलवार को आधी रात दिल्ली के नजदीक मेवात-गुरुग्राम रोड पर तावडू स्थित आईटीसी ग्रांड मानेसर होटल में भाजपा व कांग्रेस के नेता भिड गए। भाजपा के कुछ पूर्व मंत्री कांग्रेस के चार, बसपा के दो और एक अन्य विधायक के साथ होटल मराठा में ठहरे हुए थे। देर रात पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान दिल्ली पहुंचे तो कांग्रेस और अन्य विधायकों को होटल मराठा से होटल आईटीसी ग्रांड मानेसर में शिफ्ट कर दिया गया। इसकी भनक मुख्यमंत्री कमलनाथ को लगी तो उन्होंने अपने चार मंत्रियों को दिल्ली भेजा और विधायकों को भाजपा के कब्जे से मुक्त कराने की कोशिश की। सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस सरकार के मंत्रियों ने जब विधायकों को छुडाने की कोशिश की तो भाजपा के एक पूर्व मंत्री ने हरियाणा पुलिस बुला ली।

इस दौरान मध्यप्रदेश के मंत्री जीतू पटवारी की हरियाणा के पुलिस अधिकारियों से तीखी नोंकझोंक भी हुई। पटवारी ने सवाल किया कि बिना महिला पुलिस के आप एक महिला विधायक को हाथ कैसे लगा सकते हैं। इस बीच मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी पहुंच गए। मामले ने काफी तूल पकडा। विवाद के बाद बसपा विधायक राम बाई कांग्रेसी मंत्रियों के साथ रवाना हो गईं। मध्यप्रदेश का यह सियासी ड्रामा देर रात तक चलता रहा। दिग्विजय सिंह ने घटनाक्रम की पुष्टि की और बताया कि राम बाई कांग्रेस के नेताओं के साथ वापस आ गई हैं। उधर इस मामले में मुख्यमंत्री कमलनाथ भोपाल से दिल्ली पहुंचेंगे, फिर सारे घटनाक्रम की जानकारी प्रेस कॉन्फ्रेंस में देंगे।
मध्यप्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने आज पत्रकारों को बताया कि कांग्रेस उन पर जो विधायकों को खरीदने के आरोप लगा रही है वह गलत है। उनका साथ देने वाले विधायकों से उनका विवाद है, यह उनकी अंदरुनी कलह है। शर्मा ने यह भी स्पष्ट किया की सरकार को अस्थिर करने का उनका कोई प्रयास नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस की सरकार बनी ही ब्लैकमेलिंग से थी।

कमलनाथ सरकार के भविष्य और राज्यसभा चुनाव को लेकर गर्माए सियासी माहौल का पारा मंगलवार को भी चढा रहा। सुबह आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हुआ, जो दोपहर में खरीद- फरोख्त (हॉर्स ट्रेडिंग) में तब्दील हो गया और देर रात तक राजनीति का केंद्र दिल्ली बन गया। मंगलवार सुबह दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया कि बसपा विधायक राम बाई को भाजपा नेता भूपेंद्र सिंह चार्टर्ड विमान से दिल्ली लाए हैं। दोपहर को मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि भाजपा हमारे विधायकों को खरीदने की कोशिश कर रही है, जबकि भाजपा के कई विधायक हमारे संपर्क में हैं। कैबिनेट की बैठक में भी कमलनाथ ने मंत्रियों को सचेत रहने को कहा।

इस बीच कांग्रेस के सबलगढ विधायक बैजनाथ कुशवाह ने हॉर्स ट्रेडिंग का आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का हवाला देकर कई लोग उनसे संपर्क कर रहे हैं। इसी दरम्यान भाजपा विधायक दल की बैठक से विधायक शरद कोल और नारायण त्रिपाठी की गैरमौजूदगी ने पार्टी का तनाव बढा दिया। देर रात शिवराज को भाजपा हाईकमान ने दिल्ली बुला लिया।

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी अपने चार कबीना मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, जीतू पटवारी, उमंग सिंघार और जयवर्धन सिंह को दिल्ली भेज दिया। माना जा रहा है कि ये मंत्री कमलनाथ सरकार पर छाए खतरे को दूर करने का फॉर्मूला लेकर हाईकमान के पास गए हैं। चर्चा है कि कमलनाथ के फॉर्मूले के अनुसार पार्टी दिग्विजय और ज्योतिरादित्य सिंधिया को राज्यसभा का उम्मीदवार बना सकती है। फिर इन दोनों नेताओं की जिम्मेदारी होगी कि वे सरकार पर आने वाले संकट का रास्ता खोजे। शिवराज दिल्ली पहुंचे शिवराज सिंह चौहान देर रात दिल्ली पहुंच गए थे। पार्टी सूत्रों के मुताबिक इसके बाद चौहान ने रात में ही हाईकमान को प्रदेश के ताजा राजनीतिक हालात से अवगत कराया।

मुख्यमंत्री कमलनाथ व कई मंत्री नाराज विधायकों से बातचीत करने के लिए सक्रिय हो गए हैं। सीएम ने बसपा विधायक संजीव कुशवाह से मुलाकात की। कांग्रेस विधायक एदल सिंह कंषाना को मुलाकात के लिए बुलवाया गया था, लेकिन नहीं आए। उन्होंने कई विधायकों से फोन पर भी बात की है।

राज्यसभा चुनाव के लिए चल रही सियासत के बीच खबर मिली है कि भाजपा विधायक दल बजट सत्र में कमलनाथ सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव भी पेश कर सकता है। विधानसभा सचिवालय के मुताबिक अविश्वास प्रस्ताव के लिए दस दिन पहले सूचना देना अनिवार्य है। बजट सत्र लंबा चलेगा, इसलिए अविश्वास प्रस्ताव विपक्ष पेश करना चाहेगा तो कोई दिक्कत नहीं है।

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