ग्वालियर महाराजपुरा एयर फोर्स स्टेशन पर कारगिल विजय दिवस का समारोह आयोजित किया गया। यह समारोह एयर चीफ मार्शल वी.एस.धनोआ की अगुआई में मनाया गया। उनके साथ एयर मार्शल नाम्बियार व एयर मार्शल राजेश कुमार भी मौजूद रहे। सुबह ग्वालियर के आसमान में मिराज लड़ाकू विमानों की गर्जना सुनाई दी। एयरबेस से 7 लड़ाकू विमानों ने उड़ान भरी और शानदार आसमानी करतब दिखाए। कारगिल शहीदों को नमन किया और कारगिल दिवस मनाया। इस मौके पर एयर चीफ मार्शल श्री धनोआ ने कहा कि, हमारी वायुसेना में बहुत बदलाव आ गए हैं। अब सब कुछ डिजिटल हो गया है। मिशन को लाइव देख सकते हैं। पहले सबूत के तौर पर मिशन को पूरा करने के बाद उसकी फिल्म बनाया करते थे। उन्होंने कहा बालाकोट में राफेल ना होने के बावजूद भारतीय जांवाजो ने पाकिस्तान को मुहतोड जबाब दिया और एयर स्पेस में भी दाखिल नहीं होने दिया।
भारतीय वायुसेना ने करगिल युद्ध में विजय के 20 साल पूरे होने पर आज जोरदार जश्न मनाया वायुसेना के जांबाजो ने ग्वालियर के एयर फोर्स स्टेशन में एक बार फिर से 24 जून, 1999 को टाइगर हिल पर पाकिस्तानी घुसपैठियों पर हुए अटैक के सीन को रीक्रिएट किया। 5,062 मीटर की ऊंचाई पर स्थित टाइगर हिल पर स्थित पाकिस्तानी सेना को भारतीय वायुसेना ने ढेर कर दिया था। आखिर में 4-5 जुलाई 1999 को टाइगर हिल पर भारत ने कब्जा जमा लिया। टाइगर हिल पर भारत की बढ़त 24 जून को शुरू हुई थी, जब वायुसेना ने मोर्चा संभाला और दो मिराज 2000 एयर क्राफ्ट को भेजा। इन लड़ाकू विमानों ने टाइगर हिल पर जमे बैठे पाक सैनिकों पर लेजर गाइडेड बमों के जरिए हमला किया। यह पहला मौका था, भारतीय वायुसेना ने लेजर गाइडेड बमों का इस्तेमाल किया।

कारगिल बिजय दिवस के अवसर पर ग्वालियर एयरबेस से 7 लडाकू विमानों ने उडान भरी जिसमे 5 मिराज विमान थे, सभी विमानों ने आसमान में जोरदार कलाबाजी का प्रदर्शन किया । हमारे वायुसेना के जवानों के इस आसमानी प्रदर्शन को देखकर मौजूद लोग दंग रह गये वही उन्हें भी अंदाज हुआ कि हवा की मार में भारतीय जांबाज कैसे युद्ध करते है और अपनी जान जोखिम में डालते है और देश की रक्षा करते है।
भारतीय वायुसेना प्रमुख बी एस धनौआ ने मीडिया से बातचीत में कहा कि चायना और रूस 6 जेनेरेशन पर हैं और हम 4 से बढकर पांचवे की और बड़ रहे हैं हम किसी से कम नहीं, आज भारतीय सेना दुश्मन को उसकी भाषा में मुंह तोड़ जबाव देने में सक्षम है।
एयर चीफ मार्शल श्री धनौआ ने कहा कि बालाकोट में हमने सैन्य लक्ष्य हासिल किया जबकि बालाकोट के समय हमारे पास राफेल नहीं था यदि राफेल होता तो स्थिती कुछ और होती। इसके बावजूद भारतीय जांवाजो के हवा के युद्ध कौशल की बजह से पाकिस्तान एयर स्पेस में नही घुस पाया।उन्होंने यह भी कहा कि हमारा काम सरकार द्वारा दिए गए टारगेट को हिट करने का है न की लाशें गिनने का

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