गुना. मध्य प्रदेश की एक बेटी ने अफ्रीकी देश नाइजीरिया में अपने पिता की मौत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मदद की गुहार लगायी है. लड़की के पिता वहां एक प्राइवेट कंपनी में अफसर थे. लेकिन परिवार को ना तो उनकी मौत का कारण बताया जा रहा है और न ही उनकी जांच रिपोर्ट दी गयी है. बेटी ने प्रधानमंत्री से अपने पिता का पार्थिव शरीर भारत लाने में मदद की अपील की है.

गुना के निवासी सत्येंद्र शर्मा की 23 अप्रैल को नाईजीरिया में मौत हो गयी. वो लावोस की कंपनी में डिप्टी जनरल मैनेजर थे. सत्येंद्र हॉकी खिलाड़ी भी थे. कंपनी  ने सत्येंद्र शर्मा की मौत की खबर परिवार को दी लेकिन मौत का स्पष्ट कारण नहीं बताया और ना ही जांच रिपोर्ट भेजी है. इस पर परिवार का कहना है सत्येंद्र पूरी तरह स्वस्थ थे.

पिता की मौत से आहत उनकी बेटी दीपिका ने अब पीएम मोदी तक पत्र और ट्विटर के जरिए अपनी बात पहुंचायी है. पत्र में दीपिका ने लिखा है कि मेरे पिता पूरी तरह स्वस्थ थे. लेकिन इस बीच अचानक उन्हें याबा के मेनलैंड हॉस्पिटल में एडमिट किया गया. यह अस्पताल इनफेक्शियस डिजिज के लिए जाना जाता है. अस्पताल में उनकी मलेरिया की जांच हुई थी. उसमें उनकी छाती में संक्रमण की बात आयी थी. लेकिन डॉक्टरों का कहना था कि इलाज के बाद तीन-चार दिन में उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी. दीपिका ने लिखा है कि 17 अप्रैल को उनके पिता का कोविड-19 टेस्ट भी हुआ था, जिसकी रिपोर्ट 19 अप्रैल को आनी थी. 21 अप्रैल तक हमारी कंपनी के HR से बात होती रही, वो कहते रहे कि उनके पिता ठीक हैं.

लेकिन इस बीच गुरुवार 23 अप्रैल को अचानक कंपनी ने खबर दी कि आपके पिता को सांस संबंधी शिकायत के बाद वेंटिलेटर पर शिफ्ट किया गया है और उसके कुछ देर बाद उनकी मौत हो गई. बेटी दीपिका का कहना है कि उसके बाद से कंपनी और अस्पताल के लोग ना तो पिता की मौत का सही कारण बता रहे हैं और न ही उनकी रिपोर्ट भेजी है. नाइजीरिया शासन ने भी इस संबंध में अभी तक कोई रिस्पांस नहीं दिया है.

सत्येंद्र शर्मा की बेटी दीपिका ने प्रधानमंत्री मोदी, विदेश मंत्रालय और नाइजारिया में भारतीय दूतावास से अनुरोध की है कि वो इस मामले में उनकी मदद करें. कहीं उनकी पिता की मौत मेडिकल निगलिजेंस का मामला तो नहीं है. दीपिका ने लिखा है कि मैं अपने माता-पिता की इकलौती संतान हूं. मेरे पिता इस घर के एकमात्र कमाने वाले सदस्य थे. उनकी असमय मौत से हम सदमे में हैं. अब कम से कम हमें उनकी मौत का सही कारण तो पता चल सके और उनका पार्थिव शरीर भारत लाया जा सके.

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