ग्वालियर। बिना परमशीन के एक परिवार इंदौर से ग्वालियर आ गया। 500 किलोमीटर के सफर में कहीं कोई परेशानी नहीं आई, लेकिन ग्वालियर की सीमा में प्रवेश करते हुए मोहना पर कार को रोक लिया गया। हालांकि वरिष्ठ अफसरों की मदद से उन्हें शहर में प्रवेश तो दे दिया गया पर सभी को होम क्वारंटाइन करवा दिया है। हालांकि अफसरों ने इंदौर से आए परिवार का सैंपल करवाने की जहमत तक नहीं उठाई है, जबकि कुछ रोज पहले ही इंदौर से आई नर्स कोरोना पॉजिटिव पाई गई थी। जिसके कारण ट्रॉमा सेंटर तक बंद करना पड़ा था। इससे भी खास बात यह है कि जिला प्रशासन ने इंदौर से आने वालों को क्वारंटाइन में रखने से लेकर सैंपलिंग तक के निर्देश जारी किए है, लेकिन उन्हीं अफसरों ने अपने निर्देशों का पालन कराने में चूक कर दी है। जिसके कारण आस पड़ोस में रहने वाले लोग डरे सहमे हैं।
डीबी सिटी में रहने वालों ने जब घर पर होम क्वारंटाइन का बोर्ड लगा देखा तो सनसनी फैल गई। पता चला कि एक परिवार श्वान के साथ सोमवार की सुबह कार द्वारा इंदौर से ग्वालियर आ गया है। परिवार को होम क्वारंटाइन तो कर दिया पर सैंपलिंग नहीं की गई। इससे डीबी सिटी में रहने वाले आशंकित हैं कि कहीं नर्स जैसी कहानी यहां पर भी न निकल आए।
सोमवार को सूरत, ओरैया यूपी, जयपुर से जो लोग आए उन्हें होम क्वारंटाइन कर सैंपलिंग की है। पर गजब की बात यह है कि यह लोग सीमाएं सील होने के बाद भी शहर में प्रवेश कर गए, जबकि पुलिस और प्रशासन का दावा है कि सीमाओं पर सख्ती बनाए हुए हैं। शनिवार और रविवार को जेएएच के क्वारंटाइन सेंटर से दो संदिग्ध भाग निकले थे। एक संदिग्ध शिवपुरी और दूसरा भिंड पहुंच गया था।