नई दिल्ली। मध्यप्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके समर्थक 22 विधायकों के इस्तीफे के बाद अब कमलनाथ सरकार के सामने एक नई मुसीबत आ गई है। अब मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ को सुप्रीम कोर्ट की तरफ से बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से बीजेपी में खुशी की लहर दौड़ गई है। आइए जानते हैं सुप्रीम कोर्ट ने क्या फैसला दिया है। आपको बता दें कि भारतीय जनता पार्टी की तरफ से मध्यप्रदेश में जारी सियासी घमासान के संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी।
इस मामले पर सुनवाई करने के लिए मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने याचिका दायर की है। इस याचिका में उन्होंने दावा किया है कि, कमलनाथ सरकार अब बहुमत में नहीं है। इसलिए उन्हें सरकार चलाने का संवैधानिक रूप से कोई हक नहीं है। भाजपा ने याचिका में मांग की है कि इस स्थिति में जल्द से जल्द फ्लोर टेस्ट कराया जाए ताकि स्थिति साफ हो सके। जानकारी के लिए बता दे, सोमवार को राज्यपाल लालजी टंडन द्वारा बड़ा कदम उठाते हुए सीएम कमलनाथ को लिखे गए पत्र में कहा गया है कि, आपको बहुमत साबित करने के लिए कहा गया था, लेकिन इस दिशा में आपके द्वारा प्रयास नहीं किया गया।
लेकिन अब आप 17 मार्च तक बहुमत साबित करें वरना, यह माना जाएगा कि आपको विधानसभा में बहुमत प्राप्त नहीं है। राज्यपाल के पत्र के बाद अब कांग्रेस पार्टी को सुप्रीम कोर्ट के फैसले से भी झटका लगा है। भारतीय जनता पार्टी द्वारा दायर की गई याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने मध्यप्रदेश विधानसभा के स्पीकर और मुख्यमंत्री कमलनाथ से फ्लोर टेस्ट न कराने पर जवाब मांगा है। इस पूरे मामले पर राज्यपाल का पक्ष जानने के लिए भी सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल को भी नोटिस भेजा है।
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