इंदौर । मंत्रियों के विभाग वितरण को लेकर चली आ रही खींचतान आखिरकार शुक्रवार रात खत्म हो गई। दिग्गजों की पसंद, खेमों की खींचतान और विभागों को लेकर मंत्रियों के दावों के बाद आई विभाग वितरण की सूची चौंकाने वाली रही। अधिकांश को उनकी पसंद से उलट विभाग दिए गए हैं, लेकिन कांग्रेस को जीत का ताज पहनाने वाले मालवा-निमाड़ का पलड़ा मंत्रिमंडल में भी भारी रहा। यहां के नौ मंत्रियों को महत्वपूर्ण विभाग मिले हैं। जल संसाधन, चिकित्सा, लोकनिर्माण, लोकस्वास्थ्य, गृह, वन, उच्चशिक्षा, नर्मदा घाटी, पर्यावरण और पर्यटन जैसे बड़े मंत्रालय मालवा-निमाड़ के खाते में आए हैं।

शपथ ग्रहण के बाद से ही मंत्रियों के विभाग वितरण का मामला उलझा हुआ था। सत्ता के तीनों खेमों के बीच अपनेअपने समर्थक मंत्रियों को महत्वपूर्ण विभाग दिलवाने के लिए जोर-अजमाइश चल रही थी। नवनियुक्त मंत्रियों ने भी शपथ के बाद से ही भोपाल में डेरा डाल रखा था। लंबी खींचतान के बाद भी मामला नहीं सुलझने की स्थिति बनी तो गेंद दिल्ली के पाले में डाल दी गई। केंद्रीय स्तर से मिले सुझाव के बाद मंत्रियों को अपने-अपने क्षेत्रों में जाने के निर्देश दे दिए गए। शुक्रवार रात अचानक सूची जारी कर दी गई। मंत्रियों को भी उन्हें आवंटित किए गए विभागों की जानकारी सोशल मीडिया और फोन के माध्यम से मिली

विभागों के बंटवारे में भले ही पसंद को तवज्जो नहीं दी गई, लेकिन वरिष्ठ मंत्रियों को महत्वपूर्ण विभाग सौंपे गए हैं। शाजापुर के वरिष्ठ विधायक हुकुमसिंह कराड़ा को जल संसाधन विभाग दिया गया है। सज्जन सिंह वर्मा के लिए नगरीय प्रशासन मांगा गया था, लेकिन उन्हें लोकनिर्माण और पर्यावरण विभाग दिया गया है। इसी तरह तुलसी सिलावट के लिए गृह विभाग मांगा गया था, लेकिन उन्हें लोक स्वास्थ्य व परिवार कल्याण विभाग दिया गया है। जीतू पटवारी जनसंपर्क चाहते थे, लेकिन उन्हें खेल एवं युवा कल्याण व उच्चशिक्षा विभाग दिया गया है।

इसी तरह बाला बच्चन को गृह व जेल जैसे महत्वपूर्ण विभाग दिए गए हैं। धार जिले के गंधवानी विधानसभा से विधायक उमंग सिंगार को वन विभाग का जिम्मा सौंपा गया है। महेश्वर से विधायक चुनी गई विजयलक्ष्मी साधौ को चिकित्सा शिक्षा, आयुष और संस्कृति विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है। कुक्षी विधायक सुरेंद्रसिंह बघेल हनी को नर्मदा घाटी विकास और पर्यटन विभाग का जिम्मा सौंपा गया है। बघेल को अपनी विधानसभा क्षेत्र से सटे निसरपुर, मनावर, अलिराजपुर जैसे इलाकों में विस्थापन सहित अन्य समस्याओं के त्वरित निराकरण की अपेक्षा क्षेत्रवासी करेंगे।

इसी तरह सचिन यादव को किसान कल्याण तथा कृषि विकास, उद्यानिकी और खाद्य प्रसंस्करण जैसे विभाग दिए गए हैं। उनके पिता स्व. सुभाष यादव भी इसी क्षेत्र में मजबूती से उभरे और प्रदेश और देश की राजनीति में सहकारिता के क्षेत्र में कार्य किया था।

कांग्रेस को सत्ता 15 वर्ष बाद सत्ता में वापसी करवाने वाले इंदौर संभाग के सात मंत्रियों को 16 विभाग मिले हैं। इसमें भी उच्चशिक्षा, गृह, जेल, लोकनिर्माण, लोक स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा, जल संसाधन, वन, किसान कल्याण, नर्मदा घाटी विकास और पर्यटन व पर्यावरण जैसे विभाग शामिल हैं।

ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना मेरी प्राथमिकता रहेगी। जिला अस्पताल में खाली पड़े पदों को भरा जाएगा। शहरी अस्पतालों को मोहल्ला क्लिनिक की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। जिला अस्पतालों में परिजनों के लिए आश्रय स्थल बनवाएंगे। – तुलसी सिलावट, लोक स्वास्थ्य मंत्र

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *