मध्यप्रदेश में बीजेपी के विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने के लिए राज्यपाल को लिखे गए पत्र के बाद सियासत गर्मा गई है।बीजेपी-कांग्रेस आमने सामने हो गए है। सत्ता पक्ष द्वारा बीजेपी पर जमकर हमले बोले जा रहा है। इसी बीच मुख्यमंत्री कमलनाथ का बयान सामने आया है,उन्होंने कहा है कि वे चार बार बहुमत साबित कर चुके है और एक बार फिर सरकार फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार हैं। बता दे कि विधानसभा चुनाव में किसी को पूर्ण बहुमत नही मिला है। कांग्रेस को 114, बीजेपी को 109 सीटें मिली थी, कांग्रेस ने बसपा से 2 और सपा से 1 सीटें और 4 निर्दलीय के समर्थन से बहुमत साबित कर सरकार बनाई है।
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बीजेपी की चुनौती को स्वीकार करते हुए कहा है कि बीजेपी पहले दिन से ही सरकार गिराने की कोशिश कर रही है, सरकार फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार हैं । बीते पांच महीने में चार बार बहुमत सिद्ध किया जा चुका है। विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष के चुनाव के अलावा अनुदान मांगों और बजट के समय बहुमत सिद्ध किया जा चुका है। चार बार तो बहुमत सिद्ध कर दिया। बहुमत सिद्ध करने में हमें कोई दिक्कत नहीं है। वही उन्होंने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि ये तड़प रहे हैं क्योंकि ये सोचते हैं कि अब इनका खुलासा होने वाला है, जो इन्होंने भ्रष्टाचार किया है 15 सालों में। उस खुलासे से बचने के लिए ये पूरा प्रयास करेंगे कि वर्तमान सरकार को डिस्टर्ब किया जाए।
केंद्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने दावा किया है कि कांग्रेस के कई विधायक हमारे संपर्क हैं। चार महीने में ही कमलनाथ सरकार के खिलाफ एंटी इंकम्बेंसी हो गई है। एमपी में कमलनाथ सरकार पहले दिन से अल्पमत में है। बीजेपी ने जोड़-तोड़ नहीं की इसलिए कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बन गई, लेकिन इतने कम समय में ही कांग्रेस अंतरकलह से ग्रस्त हो गई है। कांग्रेस और अन्य कई विधायक बहुत पहले से उनके संपर्क में हैं, जब ज़रूरत पड़ेगी तब बात आगे बढ़ाई जाएगी। कांग्रेस सरकार अंतर्कलह औऱ एंटी इंकंबेंसी से ही गिर जाएगी।
मध्यप्रदेश में पिछले साल नवंबर-दिसंबर में हुए विधानसभा चुनाव में राज्य में 15 साल बाद कांग्रेस की वापसी हुई है। वर्तमान में 230 सदस्यीय मध्यप्रदेश विधानसभा में कांग्रेस के पास 114 और भाजपा के पास 109 सीटें हैं।यह सरकार चार निर्दलीयों, बीएसपी के दो और एसपी के एक विधायक के समर्थन से चल रही है। वर्तमान में कांग्रेस को 121 विधायकों का समर्थन हासिल है।
गौरतलब है कि सोमवार को बीजेपी ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को पत्र लिखकर कहा है कि प्रदेश की कमलनाथ सरकार अल्पमत में है। उन्होंने मांग की है कि विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जाए। वहीं मध्यप्रदेश के नेता प्रतिपक्ष और बीजेपी नेता गोपाल भार्गव ने कहा कि वह अपने आप ही गिर जाएगी। मैं खरीद-फरोख्त में विश्वास नहीं करता, लेकिन मुझे लगता है, समय आ गया है और जल्द ही उन्हें जाना होगा।