भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ का बॉलीवुड से रिश्ता सुर्ख होता नजर आ रहा है। कमलनाथ सरकार ने मध्यप्रदेश फिल्म पर्यटन नीति- 2020 को लागू कर दिया है। इस पॉलिसी के तहत बॉलीवुड के फिल्म निर्माताओं को कई तरह के फायदे मिलेंगे। जिन फिल्मों की 50 प्रतिशतः से ज्यादा शूटिंग मध्यप्रदेश में होगी उन्हें सरकार की तरफ से एक करोड रुपए का अनुदान दिया जाएगा।
राज्य सरकार का मानना है कि फिल्मों की शूटिंग बढ़ने से राज्य के पर्यटक स्थलों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलेगी और प्रत्यक्ष तथा परोक्ष रूप से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। नीति में फिल्मों के लिए प्रदेश को देश का सेंट्रल हब बनाने के प्रयास भी किए गए हैं।
नई फिल्म पर्यटन नीति के अनुसार, फिल्म निर्माण के लिए बुनियादी ढांचा तैयार कर फिल्म निर्माताओं और फिल्मों से जुडे उद्योगों को निवेश के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। प्रदेश के पर्यटन स्थलों को फिल्मों के माध्यम से राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलवाई जाएगी। राज्य सरकार द्वारा फिल्म शूटिंग की अनुमति की प्रक्रिया को आसान बना दिया गया है, जिससे प्रदेश में फिल्मों की ज्यादा से ज्यादा शूटिंग को प्रोत्साहन दिया जा सके।
मध्य प्रदेश सरकार ने प्रदेश में फिल्मों की शूटिंग के लिए निर्माता-निर्देशकों को पत्र लिखा है। इनमें सुभाष घई, महेश मांजरेकर, अनुराग बसु, अजय देवगन, अब्बास मस्तान, आमिर खान, संजय लीला भंसाली, डेविड धवन, करण जौहर, आशुतोष गोवारिकर, आदित्य चोपड़ा, सतीश कौशिक और अनीस बज्मी जैसे बड़े नाम शामिल हैं।
मध्यप्रदेश में अजय देवगन की आने वाली फिल्म भुज की शूटिंग का एक शेड्यूल हो चुका है। वहीं, कमल हासन की मेगा बजट फिल्म इंडियन-2 की शूटिंग का एक शेड्यूल भी भोपाल में फिल्माया गया है। कंगना रनौत की फिल्म पंगा की ज्यादातर शूटिंग भोपाल में हुई थी। अब 4 मार्च से विद्या बालन की फिल्म शेरनी और 17 मार्च से मणिरत्नम की फिल्म पोन्निनी सेल्वन की भी शूटिंग शुरू होगी। मणिरत्नम की इस अपकमिंग फिल्म की शूटिंग ओरछा, महेश्वर और ग्वालियर में की जाएगी। इसकी शूटिंग में साउथ एक्टर विक्रम और एक्ट्रेस ऐश्वर्या राय बच्चन के साथ अन्य बड़े एक्टर और एक्ट्रेस हिस्सा लेंगे। इस फिल्म का शेड्यूल एक माह का है। वहीं भूमि पेडनेकर की फिल्म की दुर्गावती की शूटिंग भोपाल की अलग-अलग लोकेशन पर लगातार चल रही है।
फिल्म पर्यटन नीति के अनुसार, किसी भी भाषा में फिल्म निर्माण के लिए प्रदेश में फिल्मों की ज्यादा से ज्यादा शूटिंग पर अनुदान देने का प्रबंध भी किया गया है। किसी निर्देशक की पहली और दूसरी फिल्म की शूटिंग के लिए अनुदान एक करोड़ रुपए तक अथवा फिल्म की कुल लागत का 25 प्रतिशत तक दिया जाएगा। इसमें शर्त ये होगी कि फिल्म के पूरी शूटिंग में कम से कम 50 प्रतिशत शूटिंग मध्यप्रदेश में होना जरूरी होगा। तीसरी और आगे की फिल्मों के लिए 1 करोड 50 लाख रुपए तक या फिल्मों की लागत का 75 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा। इसमें भी फिल्म के संपूर्ण शूटिंग दिवसों के न्यूनतम 50 फीसदी शूटिंग होना जरूरी है।
मध्यप्रदेश में एक समर्पित फिल्म सुविधा सेल का गठन किया गया है। राज्य टूरिज्म बोर्ड के प्रबंध संचालक की अध्यक्षता में यह सेल फिल्म पर्यटन विकास के लिए नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करेगा। यह सेल फिल्म पर्यटन नीति के क्रियान्वयन, प्रक्रिया निर्धारण, आवेदनों के निराकरण संबंधी समन्वय करेगा तथा फिल्म उद्योग की अद्यतन प्रवृत्तियों के अनुसार नीति प्रस्ताव तैयार करेगी। फिल्मों, धारावाहिकों और वेब सीरिज की शूटिंग करने के इच्छुक फिल्म निर्माताओं के लिए वन-प्वाइंट एंट्रेस सिस्टम और समयबद्ध अनुमति तंत्र के लिए ऑनलाइन फिल्म वेब पोर्टल तैयार किया जा रहा है।
मध्यप्रदेश को फिल्म निर्माताओं के लिए प्रमुख आकर्षण निवेश को प्रोत्साहित करना।
राज्य में फिल्म शूटिंग के माध्यम से कौशल विकास और रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। फीचर फिल्म, टीवी सीरियलध् शोध्वेब सीरीजध्शोध्डाक्यूमेंट्री की शूटिंग के लिए वित्तीय अनुदान। अंतरराष्ट्रीय फिल्म निर्माताओं और दक्षिण भारतीय फिल्म निर्माताओं के लिए विशेष वित्तीय प्रोत्साहन। स्थायी प्रकृति के बुनियादी ढांचे के निर्माण पर वित्तीय प्रोत्साहनध्अनुदानध् भूमि आवंटन। सिंगल विंडो सिस्टम के माध्यम से फिल्मांकन अनुमति के लिये संबंधित विभागों से आवश्यक समन्वय स्थापित करना। आधारभूत ढांचे और सेवाओं जैसे हवाई जहाज, हेलीकॉप्टरों, संपत्तियों आदि को फिल्म निर्माताओं को प्रक्रिया के अनुसार उपलब्ध कराना। सिंगल स्क्रीन सिनेमा, बंद सिनेमा घरों के पुनरूद्वार को बढावा देना। मौजूदा सिनेमा हॉल को अपग्रेड करना तथा मल्टीप्लेक्स की स्थापना को प्रोत्साहित करनाध्वित्तीय अनुदान। फिल्म सिटी, फिल्म स्टूडियो, पोस्ट-प्रोडक्शन सेंटर, वीएफएक्स सेंटर, स्किल डेव्लपमेंट सेंटर, फिल्म एंड ट्रेनिंग इंस्टीटयूट बनाने के लिए भूमि का आवंटन होगा। फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीटयूट ऑफ इण्डिया (एफटीआईआई) पुणे, सत्यजीत रे फिल्म एण्ड टेलीविजन इंस्टीटयूट ऑफ कोलकाता, नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा, नई दिल्ली और अन्य समकक्ष प्रतिष्ठित संस्थानों के छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान करना।