भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में महिला बाल विकास विभाग के कर्मचारियों द्वारा दो करोड़ के घोटाले का मामला सामने आया है। इस मामले की विभागीय जांच के बाद 14 अधिकारी व कर्मचारियों के खिलाफ चार अलग-अलग थानों में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, महिला बाल विकास विभाग की संयुक्त संचालक स्वर्णिम शुक्ला ने मंगलवार को शाहजहांनाबाद थाने में 14 अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है। प्राथमिकी में कहा गया है कि इन अधिकारियों और कर्मचारियों ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका के मानदेय में गड़बड़ी की। वहीं, विभाग की योजनाओं में भी गोलमाल किया है। शाहजहांनाबाद क्षेत्र के नगर पुलिस अधीक्षक नागेंद्र पटेरिया ने बताया कि जिन 14 लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई है उनमें परियोजना अधिकारी और उनके अधीनस्थ कार्यरत लिपिक (क्लर्क) हैं।
एक कर्मचारी का दो बार नाम है। कुल मिलाकर 13 आरोपी हैं। इन सभी पर आरोप है कि इन्होंने विभागीय कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं के मानदेय को अपात्र लोगों को दिया। उनके नाम से बैंक खाते खोले और साथ ही योजनाओं में भी गड़बड़ी की। पटेरिया के अनुसार, विभागीय स्तर पर कराई गई जांच में इस बात की पुष्टि हुई है कि कुल दो करोड़ दो लाख का घोटाला हुआ है। जिन आठ परियोजना केंद्रों में यह गड़बड़ी सामने आई है वे केंद्र भोपाल के ही हैं। विभाग की संयुक्त संचालक द्वारा दर्ज कराई गई प्राथमिकी के आधार पर पुलिस जांच कर रही है।