मध्यप्रदेश के भोपाल से एक शर्मसार करने देने वाला मामला सामने आया है। भोपाल के एक अस्पताल में कोरोना संक्रमित महिला से दुष्कर्म किया गया था। इसका खुलासा घटना के एक महीने बाद हुआ है।वहीं इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया है। महिला गैस पीड़िता थी।

समिति के सदस्य पुरनेंदु शुक्ला ने बताया कि हमें घटना के संबंध में शिकायत मिली है। यह गंभीर मामला है। संगठन से घटना से जुड़े दस्तावेजों की कॉपी उपलब्ध कराने को कहा गया है। इसके आधार पर कमेटी आगे की कार्रवाई करेगी।

गैस पीड़ित संगठनों ने घटना के संबंध में गैस पीड़ितों के स्वास्थ्य की निगरानी के लिए बनी समिति को पत्र लिखकर जांच की मांग की थी। इस पत्र में बीएमएचआरसी के कोरोना वार्डों की खामियों को उजागर किया गया था।

वहीं, शिकायत करने वाले गैस पीड़ितों के हक में काम करने वाले चार संगठनों में से एक संगठन की पदाधिकारी रचना ढींगरा ने कहा कि हमारे पास मामले की एफआईआर समेत अन्य दस्तावेज हैं। हम कमेटी को सभी दस्तावेज रविवार को ही उपलब्ध करा देंगे। हमारी मांग है कि इस मामले की पूरी निष्पक्ष तरीके से जांच हो और जो भी दोषी पाए जाते हैं, उन पर कठोर कार्रवाई हो।

जानें क्या है पूरा मामला
इस घटना का खुलासा करीब एक महीने बाद हुआ है। कोरोना संक्रमित महिला निशातपुरा स्थिति मेमोरियल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर (बीएमएचआरसी) में भर्ती थी। छह अप्रैल यह घटना उसके साथ हुई। पुलिस ने आरोपी वार्ड बॉय को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी ने चेकअप के नाम पर महिला से गलत काम किया था।

इसके बाद महिला की तबीयत बिगड़ गई थी और उसे वेंटिलेटर पर शिफ्ट किया गया था। अगले दिन महिला की मौत हो गई थी। पीड़िता ने अस्पताल की एक नर्स को घटना की जानकारी दी थी। वहीं, परिवार के लोग पीड़िता की मौत को सामान्य मान कर चल रहे थे।

दुष्कर्म की घटना के बारे में अस्पताल प्रबंधन और पुलिस ने पीड़िता के परिवार को जानकारी नहीं दी। इसको लेकर ही दोनों की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे है। वहीं, एक अन्य जानकारी यह भी सामने आई कि आरोपी वार्ड बॉय पर एक नर्सिंग छात्रों ने भी दुष्कर्म का आरोप लगाया था।

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