भोपाल| केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने कहा है कि नया भूमि अधिग्रहण कानून गरीब, किसान, दलित और जनजातीय वर्ग को हक दिलाने के साथ ही बढ़ते नक्सलवाद पर भी अंकुश लगाने में मददगार बनेगा। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के प्रवास पर आए रमेश ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा कि लगभग 119 वर्षो से चले आ रहे अंग्रेजों के भूमि अधिग्रहण संबंधी कानून से छुटकारा मिलेगा। इसे लोकसभा व राज्यसभा में सभी दलों की सहमति से पारित कर दिया गया है, अब इसे राष्ट्रपति की मंजूरी मिलना शेष है।

देश में नक्सलवाद की समस्या का जिक्र करते हुए रमेश ने कहा कि जनजातीय वर्ग के बीच नक्सली संगठनों की पैठ इसलिए बढ़ रही है, क्योंकि वे जंगल व जमीन को आधार बनाते हैं। इस कानून के आने से किसान, गरीब, जनजातीय वर्ग को अपनी जमीन का हक मिलेगा तो नक्सलवाद का असर अपने आप कम हो जाएगा। रमेश ने कहा कि इस कानून के आने से जमीन अधिग्रहण के लिए कलेक्टर की मनमर्जी नहीं चलेगी, इतना ही नहीं सार्वजनिक हित के लिए अधिग्रहित की गई जमीन का उपयोग किसी अन्य कार्य के लिए नहीं किया जा सकेगा। इस कानून में पुर्नव्यवस्थापन व पुनर्वास का विशेष प्रावधान है। उन्होंने बताया कि नए कानून के मुताबिक किसानों को बाजार दर से चार गुना और शहरी इलाके में दो गुना मुआवजे के साथ पुनर्वास व पुर्नव्यवस्थापन का प्रावधान है। जनजातीय इलाकों में जमीन का अधिग्रहण ग्रामसभा की अनुमति और गैर जनजातीय क्षेत्रों में ग्रामसभा की सहमति से ही जमीन का अधिग्रहण किया जा सकेगा। इस नए कानून से कानूनी आधार पर ही विकास हो सकेगा।

 

 

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