ग्वालियर । अब अगर सडक़ों पर बच्चे भीख माँगते हुए पाए जायेंगे तो उनके माता-पिता के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जायेगी। यह निर्णय गुमशुदा बच्चों को ट्रेस करने के लिये आयोजित समन्वय बैठक सह कार्यशाला में लिया गया। कलेक्टर डॉ. संजय गोयल और पुलिस अधीक्षक हरिनारायणचारी मिश्रा की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यशाला में गुमशुदा बच्चों की तलाशी और पाए जाने पर उनके अभिभावकों तक पहुँचाने के लिये बेहतर प्रयासों पर चर्चा की गई।
कार्यशाला में प्रशासन और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ महिला-बाल विकास, सामाजिक न्याय, श्रम व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और सामाजिक संस्थाओं के पदाधिकारी उपस्थित थे। डॉ. गोयल ने कहा कि गुमशुदा बच्चों की तलाश और उनको घर तक पहुँचाने की व्यवस्था के लिये आवश्यक है कि इस क्षेत्र में काम करने वाली सभी संस्थाओं के मध्य बेहतर कम्युनिकेशन रहे। उन्होंने सभी स्वयंसेवी संस्थाओं के पदाधिकारियों से कहा? कि वे लावारिस अवस्था में पाए जाने वाले बच्चों को अपने संरक्षण में लेकर उनके बारे में जानकारी भारत सरकार के पोर्टल ट्रैक दि मिसिंग चाईल्ड पर शेयर करें और इसके लिये जिला स्तर पर गठित बाल संरक्षण समिति के समक्ष प्रस्तुत करें। उन्होंने शहर की ऐसी संस्थायें जो विधिवत पंजीकृत नहीं है और उनके द्वारा बच्चों को रखा जा रहा है। उनके विरूद्ध कार्रवाई करने के निर्देश भी महिला सशक्तिकरण अधिकारी को दिए। पुलिस अधीक्षक श्री हरिनारायणचारी मिश्रा ने बताया कि प्रत्येक थाने में बाल कल्याण अधिकारी की नियुक्ति की गई है तथा जिला स्तर पर एडिशनल एसपी श्री आलोक सिंह को इसका नोडल अधिकारी बनाया गया है। इस तरह के बच्चों के प्रकरणों के संबंध में कोई भी व्यक्ति उनसे सीधा संपर्क उनके मोबाइल क्रमांक – 94251-29750 पर भी कर सकता है। उन्होंने कहा कि बालक-बालिकाओं की गुमशुदगी की रिपोर्ट तुरंत सभी थानों में दर्ज की जाए।
इस आशय के निर्देश उनके द्वारा जारी कर दिए गए हैं।