इंजीनियरिंग जगत की महान शख़्सियत भारत रत्न सर एम. विश्वेश्वरैया की शनिवार को 157वीं जयंती है. इस मौके पर गूगल ने भारत के इस महान इंजीनियर को श्रद्धांजलि देते हुए खास डूडल बनाया है. विश्वेश्वरैया की जयंती को इंजीनियर्स-डे के रूप में भी मनाया जाता है.

हाल ही में उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने भारत के इस विश्वविख्यात सिविल इंजीनियर के बारे में कहा था कि इतिहास के अध्यायों को ऐतिहासिक तथ्यों और विश्वेश्वरैया जैसे सामाजिक सुधारकों पर केंद्रित रहना चाहिए. न कि ब्रिटिश शासनकर्ताओं के, जिन्होंने हमारे देश और हमारे मस्तिष्क को लूटा.

उपराष्ट्रपति ने सर्च इंजन गूगल के बारे में कहा कि टेक्नोलॉजी एजुकेशन सेक्टर में तेजी से आ रही है, लेकिन ये गुरुओं और टीचर्स की जगह नहीं ले सकती. उन्होंने कहा कि जो बच्चे अपने सवालों के जवाब गूगल से पाते हैं, उन्हें ये हमेशा याद रखना चाहिए कि गूगल कभी गुरुओं की जगह नहीं ले सकता..

देश में आज जो भी बांध देखते हैं, वो जाने-माने इंजीनियर एम विश्वेश्वरैया की ही देन हैं. उन्हें दुनिया भर में जल संसाधन को मजबूत करने में योगदान के लिए जाना जाता है. उन्होंने ब्लॉक सिस्टम- ऑटोमेटेड डोर्स का आविष्कार किया था, जो ओवरफ्लो की स्थिति में अपने आप बंद हो जाते हैं.

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भारत के इस डैम बिल्डर का जन्म 15 सितंबर 1861 को कर्नाटक के चिकबालापुर के पास मुद्देनाहाली में हुआ था. आगे चलकर वह भारत के महानतम सिविल इंजीनियर बनकर उभरे. इसके अलावा वह एक महान अर्थशास्त्री, स्टेट्समैन और पिछली शताब्दी के वरिष्ठ राष्ट्रनिर्माता के तौर पर पहचाने गए.

हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने कार्यक्रम ‘मन की बात’ में विश्वेश्वरैया को याद किया. उन्होंने कहा आज भी आम लोग कृष्ण राजा सागर डैम से लाभान्वित होते हैं, जिसका निर्माण उन्होंने किया. रेलमंत्री पीयूष गोयल और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने ट्विटर पर विश्वेश्वरैया को श्रद्धांजलि अर्पित की.

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