पुणे  !   राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने आज कहा कि भारत युद्ध नहीं बल्कि दयालुता और परित्याग का देश है।
पुणे शहर के बाहरी छोर पर इस्कान परिसर मे वैदिक सांस्कृतिक केद्र का उद्घाटन करने के बाद राष्ट्रपति ने अपने संबोधन मे कहा कि मौजूदा राष्ट्रवाद का विचार भले ही भारत के लिए नया हो लेकिन यह दुनिया की प्राचीनतम सभ्याताओ मे से एक है।
उन्होंने कहा कि भारत ने दुनिया को युद्ध से जीतने या वंचित करने का नहीं बल्कि हमेंशा से प्रेम.दया और परित्याग का संदेश दिया है।इसने कभी भी बांटने की शिक्षा नहीं दी क्योकि इसका आर्दश कभी भी युद्ध से विजय हासिल करना नहीं रहा है और यही भारत की ताकत है।

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