नई दिल्ली। अपनी भारत यात्रा के समापन पर भारत के राष्ट्रपति से मुलाकात के दौरान नोबल पुरस्कार ने सरकार से नेशनल चिल्ड्रन्स ट्रिबुनल के गठन का अनुरोध करते हुए कैलाश सत्यार्थी ने कहा ‘‘ पूरे देश में बच्चों की सुरक्षा और संरक्षा के लिए विनम्रतापूर्वक 3 चीजें – विधिक निवारण, बच्चों के लिए संसाधनों और निवारणात्मक उपायों के लिए प्रस्तावित करता हूं। यह निकाय एनजीट की तरह होना चाहिए और कानूनों को लागू करने तथा क्षति और मानसिक आघात के लिए राहत और मुआवजे, सुरक्षा और सुरक्षा संबंधी अन्य मामलों में बाल यौन शोषण तथा हिंसा के मामलों में पुनर्वास सहित प्रकरणों के प्रभावी तथा शीघ्र निपटान को देखेगा। ‘‘
उन्होने कहा कि ‘‘दूसरी बात यह है कि भारत के भौगोलिक भाग के लाभो को हासिल करने के लिए भारत के पास बच्चों के लिए ज्यादा बजट आबंटन होना चाहिए । इस समय यह लगभग 4 प्रतिशत है। प्रत्येक मंत्रालय द्वारा बाल रक्षा बजटके रूप में बच्चों के लिए विशेष आबंन किया जाना चाहिए।इससे भारत के प्रशासकीय क्रियाकलापों के प्रत्येक क्षेत्र में बच्चों को प्राथमिकता दिए जाने मे मदद मिलेगी। ‘‘
तीसरी बात के बारे में चर्चा करते हुए कैलाश सत्यार्थी ने कहा कि पूरे भारत में बच्चों को तस्करी के सर्वाधिक पीडाजनक स्वरूपों से बचने वाले बच्चों को बचाने के लिए यह मांग की जा रही है कि ‘ तात्कालिकता के नवीकृत बोध के साथ मजबूत मानव तस्करी विरोधी कानून पारित किया जाए। आज हमें उन्हें यह वादा करें कि संसद के आगामी सत्र में मजबूत मानव तस्करी विरोधी कानून पारित किया जाएगा। मैं इस देश के नेतृत्व से इसे सुनने तथा कार्यवाही करने की ओर देखता हूं। ‘‘
शोषण के अंधियारे में छिपे बच्चों को स्वतंत्रता के प्रकाश की ओर चलने के लिए बाहर निकालने के प्रतीक के रूप मे बाल सुरक्षा ज्योति जलाने के लिए राष्ट्रपतिजी ने नोबल पुरस्कार विेजेता कैलाश सत्यार्थी का साथ दिया । इस अवसर पर सत्यार्थी ने कहा ‘‘ बच्चों के नाम से महामहीम राष्ट्रपति जी ने आज जो बाल सुरक्षा ज्योति जलाई है, वह इस देश में सबसे अंधे कौने में बैठे अंतिम बच्चे तक पहुंचेगी। प्रत्येक परिवार को बचपन के लिए एक ज्योति जलानी चाहिए। ‘‘
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा ‘‘ सारी दुनिया में कैलाश सत्यार्थी की भारत यात्रा को सामाजिक परिवर्तन के ऐतिहासिक पलों में से एक पल के रूप में याद किया जाएगा।
एक तरफ आदमी ने कई वैज्ञानिक करिश्मों को सृजित किया है जबकि दूसरी तरफ आज भी इंसान के भेष में दानव हमारे बच्चों के जीवन से खेल रहे हैं। यदि आज एक बच्चा असुरक्षित है,इस स्थिति के लिए पूरा समाज दोषी है। कैलाश जी उस मौन को तोडने का प्रयास कर रहे हैं जिसमें हम बढे हुए हैं, जब हमारा समाज हमें चुप रहने को कहता है, जब हमारे अभिभाव हमें कुछ नहीं कहने का दबाव डालते है। यह एक प्रशंसनीय कदम है। मैं कहता हूं कि इस भारत यात्रा के माध्यम से उन्होने देश के सामाजिक चेतना को जागरूक कर कई साझेदारों को सुधारा है। ‘‘
उन्होने कहा कि ‘‘ प्रधान मंत्री मोदी ने 2022 तक एक प्रगतिशील ‘‘न्यू इंडिया‘‘ के बारे में बातें कही हैं। यह वर्ष भी इसलिए ऐतिहासिक है क्योंकि इस वर्ष भारत अपनी स्वतंत्रता का 75 वां वर्ष मना रहा होगा। मैं सत्यार्थी से अनुरोध करता हूं कि वह बच्चों के लिए सुरक्षित, सभी तरह की बुराईयों से मुक्त भारत निर्माण मे मदद करने के लए एक पांच वर्षीय कार्य योजना बनाएं क्योंकि इसके बिना हम उस न्यू इंडिया को निर्मित करने की दिशा में आगे नहीं बढ सकते जिसकी हमने कल्पना की है। ‘‘
16 अक्टूबर को भारत यात्रा का समापन हुआ। यह यात्रा समाज में फैले अज्ञान को मिटाने तथा इसे निर्भयता के प्रकाश से हटाने के लिए एक आंदोलन थी और आज भारत के राष्ट्रपति ने स्वयं इस पावन कार्य में अपना समर्थन व्यक्त करने के लिए दिया जलाया ।
कैलाश सत्यार्थी ने राष्ट्रपति से कहा ‘‘ भारत ने हाल ही में बाल श्रम के सभी स्वरूपो को वर्जित किया है तथा महत्वपूर्ण आइएलओ कन्वेंशन नम्बर 138 तथा 182 की अभिपुष्टि है। इस ऐतिहासिक कदम के लिए मैं भारत सरकार को बधाई देता हूं और अब एसडीजी के अनुसार 2025 तक भारत बाल श्रम का पूरी तरह से उन्मूलन करने की राह में सही दिशा मेें आगे बढ रहा है। ‘‘
कैलाश सत्यार्थी की भारत यात्रा या जैसा कि वह इसे ‘‘ बलात्कार के खिलाफ जंग ‘‘ कहते हैं अपने 35 दिवसीय यात्रा को पूरे भारत से गुजर कर देशभर में बच्चों की सुरक्षा और संरक्षा की मांग करते हुए अपने 35 वें दिन सफलतापूर्वक सम्पन्न हुई है।
11सितम्बर से 16 अक्टूबर के बीच भारत यात्रा ने 6 करोड से अधिक बच्चों के जीवन को स्पर्श किया तथा बच्चों की तस्करी करने वालों, बच्चो का बलात्कार करने वालों के खिलाफ मजबूत कानून पारित करने, चिकित्सीय, राजनीतिक , पुलिस तथा न्यायिक क्षेत्रों मे संस्थागत अनुक्रियाओ को मजबूत करने, जागरूकता और सहानुभूति बढाने के महत्वपूर्ण मिशनों को प्राप्त करने की ओर देखा है और हमारे देश में जिस जागरूकता का अभाव है उसे फैलाने तथा बढाने में महत्वपूर्ण काम किया है।
तमिलनाडु के कन्याकुमारी से आरंभ हुई इस यात्रा को जिन 22 राज्यों से होकर यह गुजरी वहां के विभिन्न मंत्रियों तथा राजनीतिक नेताओं ने समर्थन प्रदान किया । आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्राबाबू नायडू ने कैलाश सत्यार्थी के निर्देशन में एक ग्लोबल पालिसी इंस्टिटयूट निर्मित करने की घोषणा की , जबकि सत्यार्थी के गृह राज्य मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चैहान ने बाल यौन हिंसा के लिए दंड के रूप में मृत्युदण्ड लागू करने का वायदा किया है।
उन्होने मध्य प्रदेश को बाल हितैषी राज्य बनाने के लिए नीति बनाने के बारे में चर्चा के लिए कैलाश सत्यार्थी को आमंत्रित भी किया है। हाल ही मे कर्नाटक में बिडार के सांसद भगवंत खुम्बा ने कैलाश सत्यार्थी को यह आश्वासन दिया कि बच्चों पर केन्द्रित तथा उनकी सुरक्षा और संरक्षा तथा भलाई के लिए संसद में एक दिन चर्चा का प्रस्ताव रखेगे जबकि पंजाब के मुख्य मंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने पंजाब में बाल हितैषी पुलिस स्टेशन स्थापित करने का वायदा किया है।
भारत यात्रा को मिला न्यायिक प्रतिसाद भी अत्यधिक सकारात्मक रहा जिसमें न्यायमूर्ति सुभ्रो कमल मुखर्जी ने व्यक्तिगत रूप से कैलाश सत्यार्थी को यह आश्वासन दिया िकवह कर्नाटक राज्य में पोस्को के लम्बित मामलों को देखेंगे। यह सुनिश्चित करने में कि देश बाल तस्करी तथा बच्चों के प्रति यौन हिंसा की घटनाओं को रोकने के लिए तथा दुर्भाग्यपूर्ण घटना में उचित मुआवजा प्रदान करने के लिए पूरी तरह से लैस है यह यात्रा एक दीर्घकालीन योजना की शुरूआत थी।
भारत यात्रा की विशेषताएं
* गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने तस्करी विरोधी विधेयक पारित करने का आश्वासन दिया।
* 22 राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने बाल शोषण तथा तस्करी को समाप्त करने के लिए खास कदम उठाने का वायदा किया है।
* राज्यो की न्यायिक प्रणाली ने पोस्को मामलों को तेजी से निपटाने तथा बाल हितैषी न्यायालयों के गठन का आश्वासन दिया है।
* 22राज्यों के 11,000 किलोमीटर में जहां जहां से यात्रा गुजरी 6 करोड से ज्यादा नागरिक लामबंद हुए।
* अमिताभ बच्चन, अनुपम खेर, धनुष, लता रजनीकांत, विवेक ओबेराय जैसी फिल्मी हस्तियें ने यात्रा को पूरे दिल से समर्थन प्रदान किया । कैलाश सत्यार्थी द्वारा लिखित गीत ‘‘निकल पडे है‘‘ के लिए इंडियन ओशिएन ने संगीत दिया।
* गुगल इंडिया ने भारत यात्रा के साथ भागीदारी की तथा इस कार्य के लिए अपना समर्थन प्रदान करने के लिए यात्रा का रास्ता तैयार किया ।
* भारत के राष्ट्रपति ने बाल शोषण के अंधकार को दूर करने के लिए कैलाश सत्यार्थी के साथ मिलकर बाल सुरक्षा ज्योति प्रज्ज्वलित की।