भोपाल ! केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरन रिजिजू ने महिला अपराधों में हो रहे इजाफे पर चिंता जताते हुए कहा है कि वर्ष 2013 से दुष्कर्म के मामले तीन से चार गुना बढ़े हैं। रिजिजू ने यह बात मंगलवार को मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान में चल रहे दो दिवसीय 23वीं अखिल भारतीय फोरेंसिक साइंस कॉन्फ्रेंस के समापन मौके पर कही। देश के विभिन्न हिस्सों से आए फोरेंसिक विशेषज्ञों की मौजूदगी में रिजिजू ने कहा कि देश मंे हर शिकायत पर प्रकरण दर्ज किए जाने का प्रावधान है, मगर यह कहकर नहीं बचा जा सकता है कि हर प्रकरण को दर्ज किया जाता है, इसलिए संख्या बढ़ी है। होना तो यह चाहिए कि अपराध हो ही नहीं।
रिजिजू ने आगे कहा कि महिलाओं में सुरक्षा का भाव आना जरूरी है, जब तक महिलाएं सुरक्षित नहीं है, तब तक विकास का कोई मतलब नहीं है। राज्यों की अपराध की स्थिति की जब समीक्षा की जाती है तो पता चलता है कि हर वक्त कुछ न कुछ अपराध घटित हो रहा है।
महिलाओं पर होने वाले अपराधों पर केंद्रित इस कांफ्रेंस को वर्तमान समय की जरुरत करार देते हुए रिजीजू ने कहा कि इस कांफ्रेंस के जरिए सामने आए निष्कर्षों के आधार पर आगे बढ़ना चाहिए। कोशिश तो यह होनी चाहिए कि महिला अपराध हो ही नहीं।
उन्होंने कहा कि अपराधी नए नए तरीके अपनाते है, जिससे चुनौती बढ़ गई है, लिहाजा जरुरी है कि पुलिस का रवैया प्रोफेशनल हो, पुलिस प्रणाली का आधुनिकीकरण किया जा रहा है, पुलिस सुधार की दिशा में भी काम हो रहा है। इसके साथ ही पुलिस को अपना व्यवहार ऐसा रखना चाहिए कि आम जनता में पुलिस को देखते ही सुरक्षा का भाव महसूस हो।
रिजिजू ने माना कि पुलिस के क्षेत्र में अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है, दूसरे देशों की पुलिस को हमारी पुलिस से कहीं ज्यादा सुविधाएं हासिल हैं। हमारे देश में पुलिस और जनता के अनुपात में भारी अंतर है। पुलिस पर जिम्मेदारी व जवाबदारी कहीं ज्यादा है। हाल यह है कि जब पूरा देश खुशियां और त्योहार मना रहा होता है तब पुलिस जवान अपने घर से दूर सुरक्षा में लगा होता है।
इस अवसर पर विविध शोधपत्र पढ़ने वाले फोरेंसिक साइंस के विशेषज्ञों को सम्मानित भी किया गया है। समापन मौके पर मध्य प्रदेश के गृहमंत्री बाबू लाल गौर ने भी फोरेंसिक साइंस के जरिए महिला अपराध पर काबू पाने में मदद मिलने की उम्मीद जताई। इससे पहले रिजिजू ने भोपाल में बनने वाली प्रयोगशाला की आधारशिला रखी।