मेलबर्नः ऑस्ट्रेलिया और ब्राजील ने भारत और पाकिस्तान के खिलाफ वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन का दरवाजा खटखटाने का फैसला लिया। इन दोनों देशों का दावा है कि भारत और पाकिस्तान ने मिलकर दुनियाभर में चीनी का उत्पादन इतना बढ़ा दिया है कि वैश्विक स्तर पर चीनी की कीमत फर्श पर आने से इस कारोबार का बेड़गर्क हो गया है।
ब्राजील और ऑस्ट्रेलिया ने आरोप लगाया है कि भारत औऱ पाकिस्तान अपने यहां किसानों को गन्ना बुआई के लिए सब्सिडी देते हैं और इसके चलते चीनी का कारोबार मंदी के दौर में चला गया है। वहीं, भारत और पाकिस्तान वैश्विक स्तर पर गन्ना किसानों की लड़ाई लड़ रहे हैं और उनकी कोशिश गन्ना किसानों को उनकी पैदावार के लिए उचित मूल्य दिलाने की है।
मौजूदा समय में ब्राजील दुनिया का सबसे बड़ा गन्ना उत्पादक और चीनी निर्यातक देश है, लेकिन ब्राजील को डर है कि यदि भारत और पाकिस्तान ने मिलकर चीनी निर्यात को बढ़ावा देने का काम किया, तो इसी साल भारत दुनिया का सबसे बड़ा निर्यातक बन जाएगा और ब्राजील, ऑस्ट्रेलिया समेत थाइलैंड जैसे देशों को चीन के कारोबार में मुंह की खानी पड़ेगी।
ब्राजील के ट्रेड मंत्री साइमन बर्मिंघम ने राइटर के हवाले से कहा कि भारत और पाकिस्तान की सरकार द्वारा दी जा रही सब्सिडी के चलते ग्लोबल मार्केट में चीनी की कीमतों में बड़ी गिरावट दर्ज हुई है। वैश्विक बाजार चीनी की अत्यधिक सप्लाई से भरा है, जिसके चलते जहां भारत और पाकिस्तान से निर्यात हो रही सस्ती दर पर चीनी की मांग है और ब्राजील और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों को नुकसान उठाना पड़ा रहा है। यॉर्क में रॉ शूगर का फ्यूचर ट्रेड 10 साल के निचले स्तर पर 9.91 सेंट पर है और इसकी वजह भारत और पाकिस्तान में घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए लगातार दी जा रही सब्सिडी है।