इस्लामाबादः धार्मिक तौर पर बेशक पाकिस्तान भारत के साथ रिश्ते सुधारने के दावे कर रहा है लेकिन रणनीतिक तौर पर वह भारत के खिलाफ साजिशें रचने से बाज नहीं आ रहा है। पाकिस्तान ने अब गुरू नानक जयंती का उत्सव मनाने पाकिस्तान के ननकाना साहिब पहुंचे 3000 से अधिक भारतीय सिखों की भावनाओं को उकसाने के लिए बड़ी साजिश रची है। उसने इस अवसर पर वहां खालिस्तान समर्थकों पोस्टर लहराने की छूट दी। बता दें कि गुरु नानक की जन्मस्थली होने के कारण ननकाना साहिब सिख समुदाय में बेहद पवित्र स्थान माना जाता है। हर साल यहां लाखों लोग गुरुद्वारे में दर्शन के लिए पहुंचते हैं।
भारत के खिलाफ आतंकवाद को खुला समर्थन देने वाला पाकिस्तान अब पंजाब को अशांत करने के लिए खालिस्तान समर्थकों को खुली छूट दे रहा है। गुरु नानक जयंती के अवसर पर पाकिस्तान में स्थित गुरु नानक की जन्मस्थली ननकाना साहिब में खालिस्तान समर्थक पोस्टर लहराए गए हैं। इससे पहले बृहस्पतिवार को भी ननकाना साहिब में खालिस्तान समर्थक नारेबाजी और पोस्टर लगाए जाने की खबर आई थी। पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की ओर से श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए लगाए गए पोस्टरों में भारत विरोधी नारे लिखे पाए गए।
इन पोस्टरों में पाक सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के विवादित महासचिव गोपाल सिंह चवल की तस्वीर लगी है। भारतीय एजेंसियों के मुताबिक पाकिस्तान की आईएसआई सिख समुदाय को उकसाने के मकसद से ऐसी हरकतों को अंजाम देती रहती है। वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान ने खालिस्तान प्रचारकों को रेफरेंडम 2020 के लिए लाहौर में अपना कार्यालय खोलने की भी अनुमति दे दी है। रेफरेंडम 2020 अभियान का मुख्य उद्देश्य पंजाब को शेष भारत से अलग करना है।
सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) के गुरपतवंत सिंह पानुन ने बृहस्पतिवार को कहा कि वे अगले साल गुरू नानक देव की 550 वीं जयंती समारोह पर रेफरेंडम 2020 के लिए वोटों का पंजीकरण शुरू करेंगे। इसके प्रचार के लिए जरनैल सिंह भिंडरावाले के चित्र वाले बैनर और खालिस्तान के झंडे पूरे ननकाना साहिब परिसर में लगाए जाएंगे।ननकाना साहिब को सिख समुदाय में बेहद पवित्र स्थान माना जाता है। यह गुरुद्वारा पाकिस्तान के पंजाब सूबे के ननकाना साहिब जिले में स्थित है। भारत समेत दुनिया भर में सिख समुदाय के लोग गुरु नानक जयंती का उत्सव मना रहे हैं।