रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने रूस के रक्षा मंत्री जनरल सर्गेई शोयगू और उद्योग एवं व्यापार मंत्री डेनिस मंटुरोव से मॉस्को में विस्तृत वार्ता की. इस दौरान दोनों पक्षों ने जल्द ही विभिन्न सैन्य प्लेटफार्मों के लिए बातचीत में तेजी लाने का फैसला किया. रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने यहां कहा कि बातचीत के दौरान दोनों पक्ष द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को और मजबूत बनाने पर सहमत हुए.
बता दें कि सीतारमण अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा पर 7 वें मॉस्को सम्मेलन में शिरकत करने के लिए रूस की तीन दिन की यात्रा पर हैं. रूस भारत को हथियारों और गोला- बारूदों की आपूर्ति करने वाले प्रमुख देशों में शामिल है.
हालांकि, लंबे समय से सशस्त्र बलों की मांग रही है कि रूस से विभिन्न अहम उपकरण आने में काफी लंबा समय लग जाता है. इससे रूस से खरीदी वाली सैन्य प्रणालियों का रखरखाव प्रभावित होता है.
रक्षा करारों पर बातचीत में तेजी लाने का फैसला
भारत रूस पर जोर दे रहा है कि वह प्रमुख रक्षा प्लेटफार्मों के लिए प्रौद्योगिकी साझा करने में उदार रवैया अपनाए. क्योंकि उन्हें अभियान के लिए तैयार रखना महत्वपूर्ण है. भारत की ज्यादातर हथियार प्रणालियां रूसी मूल की हैं. समझा जाता है कि जनरल शोयगू और मंटूरोव दोनों के साथ हुई सीतारमण की वार्ता में इस मुद्दे पर चर्चा हुई. सूत्रों ने बताया कि दोनों पक्ष विभिन्न सैन्य प्लेटफार्मों के लिए वार्ता में तेजी लाने पर सहमत हुए.
बता दें कि दोनों देशों ने अब तक एस- 400 ट्रायंफ हवाई रक्षा मिसाइल प्रणालियों की खरीद के लिए 40,000 करोड़ रुपए के करार को अंतिम रूप नहीं दिया है. कीमतों के मुद्दे पर मतभेद के कारण भारतीय सशस्त्र बलों के लिए प्रस्तावित इस करार को अंतिम रूप नहीं दिया गया है. उन्होंने कई अन्य समझौतों को अंतिम रूप नहीं दिया है.
डिफेंस एक्सपो में रूस की भागीदारी पर चर्चा
मंटुरोव से सीतारमण की बातचीत पर रक्षा मंत्रालय ने यहां बताया कि दोनों नेताओं ने सैन्य तकनीकी सहयोग परियोजनाओं की समीक्षा की. इसमें मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत भारत- रूस संयुक्त औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा देना शामिल है. दोनों नेताओं ने11 अप्रैल से 14 अप्रैल तक चेन्नई में आयोजित होने वाले डिफेंस एक्सपो में रूस की भागीदारी पर भी चर्चा की. जनरल श्योगू से बातचीत में सीतारमण ने द्विपक्षीय महत्व के मुद्दों पर चर्चा की.
आतंकवाद अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के लिए प्रमुख चुनौती
सीतारमण ने कहा कि आतंकवाद अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अब भी प्रमुख खतरा बना हुआ है. कुछ ‘गैर जिम्मेदाराना राष्ट्र’ लगातार आतंकवादी संगठनों को संरक्षण दे रहे हैं, जो चिंता का विषय है. उन्होंने कहा कि आतंकवादी खुद को नए और ज्यादा खतरनाक तौर पर पेश कर रहे हैं.
चीनी विदेश मंत्री से की मुलाकात
रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने मास्को में अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा सम्मेलन के इतर अपने चीनी समकक्ष वेई फेंग से मुलाकात की. आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि माना जा रहा है कि उन्होंने द्विपक्षीय मुद्दों खास तौर पर दोनों देशों के बीच 4,000 किमी की सीमा पर स्थिति पर चर्चा की.