भोपाल | जनता दल-युनाइटेड (जदयू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की तुलना रावण से की और कहा कि रावण के तो सिर्फ दस ही सिर थे, भाजपा सौ सिर वाली पार्टी है। मध्य प्रदेश के जबलपुर आए यादव ने गुरुवार को संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा, “भाजपा के साथ हमारा 17 वर्ष पुराना गठबंधन था जो टूट गया है। अटल-आडवाणी के साथ मिलकर हमने जिन सिद्धांतों पर सरकार बनाई थी, भाजपा उसके विपरीत चल रही है। यह पार्टी अपनी पुरानी विचारधारा की ओर लौट रही है। भाजपा में जितने सिर हैं उतनी बातें कही जाती हैं। देश में आगामी सरकार संप्रग या भाजपा की नहीं, बल्कि नए मोर्चे की बनेगी।”

उन्होंने आगे कहा कि भाजपा ने अपनी नीति बदल दी है जिस कारण महंगाई, बेरोजगारी व भ्रष्टाचार के मुद्दे गौण हो गए हैं। भाजपा जिन मुद्दों को उठा रही है वह देशहित में नहीं है। वे कहते कुछ हैं और दिल में कुछ और रखते हैं। भाजपा में ‘कारपोरेट संस्कृति’ हावी हो गई है। कारपोरेट सेक्टर के दबाव में ही उन्हें नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करना पड़ा। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में भड़की हिंसा में कई राजनेताओं को आरोपी बनाए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि जो भी दोषी हैं उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। खाप पंचायत के दबाव में अधिकारी काम करते हैं। तीन व्यक्तियों की हत्या के मामले को गंभीरता से लेकर समय रहते कार्रवाई की जाती तो ऐसी स्थिति उत्पन्न नहीं होती। नरेंद्र मोदी की आमसभा में जाने के लिए पांच रुपये का टिकट रखे जाने के संबंध में उन्होंने कहा कि लोग टिकट लेकर थिएटर में तमाशा देखने जाते हैं। देश की जनता समझदार है, वह तमाशा देखकर वोट नहीं देती। चुनावी सर्वेक्षण को नकारते हुए उन्होंने कहा कि यह यूरोप के देशों के लिए है। ग्रामीण, आदिवासी मतदाता खामोश रहता है जिनकी संख्या अधिक है। देश की आर्थिक स्थिति को लेकर उन्होंने कहा कि स्थिति बहुत खराब है। निर्यात घट रहा है और आयात बढ़ रहा है। देश का बाजार छोटा होता जा रहा है। देश जब आजाद हुआ था तो रुपये व डॉलर का मूल्य समान था। अब स्थिति क्या है यह सभी जानते हैं। किसी भी देश की साख उसकी मुद्रा से बनती है। उन्होंने मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव की चर्चा करते हुए कहा कि प्रदेश में जदयू-गोंगपा गठबंधन को बहुमत मिला या सरकार में आने की स्थिति बनी तो मुख्यमंत्री कोई आदिवासी होगा। गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (गोंगपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष हीरा सिंह मरकाम ने कहा कि आदिवासियों के उत्थान के लिए सरकार ने कई योजनाएं तो बनाईं लेकिन उनका कार्यान्वयन नहीं हुआ।

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