ब्रिटेन के अतिवाद विरोधी थिंकटैंक ने अपनी रिपोर्ट में माना है कि पाक मूल के अपराधी यहां की श्वेत महिलाओं को निशाना बना रहे हैं। वह ड्रग्स व शराब के जरिये ब्रिटेन की महिलाओं से दोस्ती गांठते हैं और उसके बाद उनके साथ दुष्कर्म या फिर यौन शोषण करते हैं।
ब्रिटेन में स्थापित कालियम ग्रुप का मानना है कि पाकिस्तान के लोग खुद को ब्रिटिश समुदाय से नहीं जोड़ पाते हैं, जिसकी वजह से वह यौन अपराधों में शामिल हो रहे हैं। एशिया मूल की महिलाओं पर इस तरह के हमले बहुत कम हैं, क्योंकि पाक मूल के आपराधिक गैंग उन्हें अपना मानते हैं।
ग्रुप ने 2015 से लेकर 2017 तक हुए इस तरह के 58 मामलों को देखा। इनमें 264 को सजा हुई, जिनमें से 222 एशियन मूल के थे। इनमें सबसे बड़ी तादाद पाक मूल के अपराधियों की है। यह हालात तब हैं, जब एशिया मूल के लोग ब्रिटेन में कुल जनसंख्या का केवल सात फीसद हैं।
रिपोर्ट का मानना है कि श्वेत महिलाएं आसानी से निशाना इस वजह से बन जाती हैं, क्योंकि वह इस तरह के संबंध बनाने पर जल्दी राजी हो जाती हैं। उन्हें शराब व ड्रगेस से भी कोई गुरेज नहीं होता, लेकिन यही बात उन्हें आसानी से अपराधियों के जाल में फंसा रही है। रिपोर्ट तैयार करने वाली टीम में से एक सदस्य मौना आदिल का कहना है कि स्थिति काफी गंभीर है। इससे निपटने के उपाय तलाश करने होंगे।