लंदनः भारतीय प्राधिकारी द्वारा ब्रिटेन सरकार को लिखे एक पत्र के बाद ब्रिटेन के एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि खालिस्तान समर्थन वाले एक ब्रिटेन सरकार की खालिस्तान समर्थन वाले प्रदर्शन पर बैन लगाने की तब तक कोई योजना नहीं है जब तक यह कानून के दायरे में रहता है और हिंसा में संलिप्त नहीं होता है। भारतीय प्राधिकारियों ने पत्र में कहा था कि ब्रटेन सरकार सिख फॉर जस्टिस समूह ने 12 अगस्त को ट्रेफेलगर स्क्वायर पर एक रैली के आयोजन के विरोध में कदम उठाएं।

इस रैली का मकसद खालिस्तान के लिए संप्रभु देश की मांग करना है और इसका नाम लंदन डिक्लरेशन (लंदन घोषणा) रखा गया है, जिसमें 2020 रेफरेंडम (जनमत संग्रह) की बात कही गई है। दावा किया जा रहा है कि इस रैली में ब्रिटेन, यूरोप और अमरीका के सिख हिस्सा लेंगे। ब्रिटेन सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘ब्रिटेन में लोगों को एकजुट होने और अपने विचारों के प्रदर्शन का अधिकार है। अगर वह कानून के तहत अपनी बात रखते हैं तो उन्हें यह अधिकार है.’ भारत के विदेश मंत्रालय के बयान जारी करने के बाद यह प्रतिक्रिया आई है।

भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, ‘हम आशा करते हैं कि ब्रिटेन सरकार इस तरह के किसी भी समूह को जो घृणा फैलाती हो और जिससे हमारे द्विपक्षीय संबंध पर असर पड़ता हो, उसे अपने देश का इस्तेमाल नहीं करने देगी।’ वहीं रैली का आयोजन करने वाले इस समूह ने अपने बयान में कहा है, ‘लंदन डिक्लेरेशन एक शांतिपूर्ण अभियान है जो सिखों के आत्म निर्णय के अधिकार (जिसकी गारंटी संयुक्त राष्ट्र चार्टर और नागरिक और राजनीतिक अधिकारों पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में दिया गया है) के लिए गैर बाध्यकारी जनमत संग्रह है।’

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