नई दिल्ली. वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को वित्त वर्ष 2020-21 के लिए बजट पेश किया। बजट में बैंक खाताधारकों की 5 लाख रुपए तक की रकम का बीमा किया गया है। बैंक गारंटी को 1 लाख रुपए से बढ़ाकर 5 लाख रुपए किया गया। यानी अगर बैंक फेल हुआ तो खाताधारकों की 5 लाख रुपए तक की रकम सुरक्षित रहेगी।
1993 के बाद अब तक डिपाजिट गारंटी लिमिट को नहीं बदला गया था और जमाकर्ता को इसके तहत 1 लाख रुपए मिलते थे। निवेशकों का भरोसा बढ़ाने के लिए फाइनेंशियल कॉन्ट्रैक्ट्स से जुड़ा कानून लाने की बात भी कही गई है।
बजट में निवेशकों के लिए बड़ी बात कही गई है। कंपनियों पर से डिविडेंट डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स (डीडीटी) हटा दिया गया है। इसका असर शेयरधारकों पर पड़ेगा। आसान भाषा में समझें तो पहले कंपनियों को डिविडेंट पर डिविडेंट डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स देना होता था और शेयरधारकों को मिलनेवाली यह रकम टैक्स के दायरे से बाहर थी। अब यह रकम शेयरधारकों की कुल आय में जुड़कर टैक्स का जोखिम बढ़ाएगी।
अगर किसी इंसान की कमाई 6 लाख रुपए सलाना है और डिविडेंट से उसे 1.5 लाख रुपए की कमाई होती है तो उसकी कुल आय 7.5 लाख हो जाएगी। नए नियम के मुताबिक, उसे 15 फीसदी टैक्स देना पड़ेगा। जबकि पहले शेयरहोल्डर को मिलने वाला डिविडेंट टैक्स के
सस्ते होम लोन के ब्याज पर डेढ़ लाख रुपए की छूट
घर खरीदने के लिए बजट में राहत का इंतजार करने वाले लोगों को इस बजट से कोई खास फायदा नहीं मिला है। सस्ते मकान को खरीदने के लिए 1,50,000 रुपए तक अतिरिक्त कटौती को एक वर्ष बढ़ाने का प्रस्ताव रखा गया है।