नई दिल्ली । आयकर विभाग ने बेनामी संपत्ति कानून का सख्ती से अमल करते हुए एक साल में 3500 करोड़ रुपए की 900 संपत्तियों को जब्त किया है। जब्त संपत्तियों में फ्लैट्स, दुकानें, ज्वेलरी, बैंक खातों में जमा राशि, एफडी और वाहन शामिल हैं। आयकर ने गुरवार को जारी बयान में कहा कि उसने 1 नवंबर 2016 से लागू बेनामी संपत्ति लेन-देन रोकथाम कानून के तहत कार्रवाई तेज कर दी है। इस कानून में विभाग को बेनामी संपत्तियों, जिनमें चल व अचल दोनों शामिल हैं, की पहले अस्थाई जब्ती और फिर स्थाई जब्ती का अधिकार दिया गया है।

सात साल कैद की सजा व 25 फीसदी जुर्माना

बेनामी कानून के तहत ऐसी संपत्ति के मालिक, बेनामीदार पर मुकदमा चलाने और दोषी पाए जाने पर सात साल कैद के कठोर कारावास और संपत्ति के बाजार मूल्य के 25 फीसदी तक जुर्माने का प्रावधान है।

24 बेनामी प्रतिबंध यूनिट बनाई

आयकर विभाग ने देशभर में अपने अन्वेषण महानिदेशालयों के अधीन मई 2017 में 24 बेनामी प्रतिबंध यूनिट (बीपीयू) भी बनाई हैं। इनके माध्यम से बेनामी संपत्तियों के मामलों में त्वरित व गहन कार्रवाई की जा रही है। 2,900 करोड़ की संपत्ति अचल अब तक जब्त संपत्तियों का कुल मूल्य 3,500 करोड़ रुपए है। इसमें से 2,900 करोड़ रुपए की संपत्ति अचल है। ..

बेनामी के कुछ मामले ऐसे..

-जिन 900 केस में कार्रवाई की गई है, उनमें से पांच मामले 150 करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति के हैं।

-एक रीयल एस्टेट कंपनी ने 50 एकड जमीन, जिसका मूल्य 110 करोड़ रुपए से ज्यादा है, अन्य लोगों के नाम खरीदी। आयकर ने कंपनी का नाम उजागर नहीं किया।

-नोटबंदी के बाद के दो केस में दो करदाताओं ने करीब 39 करोड़ रुपए के पुराने नोट अपने कर्मचारियों के खातों में जमा कराए और फिर अपने खातों में ट्रांसफर करा लिए।

-एक वाहन से 1.11 करोड़ रुपए जब्त किए गए। उसके चालक ने यह पैसा उसका होने से इनकार किया। इस पैसे का कोई दावेदार सामने नहीं आया। जब्त कर लिया गया।

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