ग्वालियर। राष्ट्रसंत विहर्ष सागर ने कहा कि देश की सरकारें बेटी बचाओ और पानी बचाओ को लेकर काफी चिन्तनशील ही नहीं इसके लिए काफी प्रचार-प्रसार भी कर रही है। यह सत्य भी है कि बेटी बचेगी तो देश चलेगा और पानी बचेगा तो कल मिलेगा। गणाचार्य विराग सागर महाराज के परम शिष्य मुनि विहर्ष सागर भिण्ड शहर के आदिनाथ दिगंबर जैन मंदिर के ऋषभ सत्संग भवन में प्रातःकाल धर्मसभा को संबोधित कर रहे थे।
संत विहर्ष सागर ने कहा कि देश और दुनिया में जल संकट सबसे बडी समस्या है। महाराष्ट्र इन दिनों भयानक जल संकट से जूझ रहा है। हम सब की जिम्मेदारी है कि जल को सुरक्षित रखें, उसका संरक्षण और संबर्द्धन करें। उन्होंने कहा कि मुनि संतों की चर्या ऐसी है िकवे कभी स्नान नहीं करते और 24 घण्टे में एक बा रवह भी विधि मिलने पर भोजन-पानी ग्रहण करते है। इस प्रकार संतजन जल बचाते है। यह क्रम नया नहीं है, सैकडों सालों से चल रहा है। उन्होंने युवा पीढी के संदर्भ में कहा कि वर्तमान में युवा पीढी पाश्चात्य संस्कृति की ओर उन्मुख हो रही है। ऐसा टेलीविजन और इन्टरनेट की वजह से अधिक हो रहा है। टेलीविजन पर आने वाले धारावाहिकों से अच्छी बातें तो ग्रहण नहीं करते पर बंरी बातों को आत्मसात कर जाते है। इसी कारण जब बेटी का जन्म होता है त बवह हाय-हलो के जरिए विश चाहती है, यह ीवह मीठा जहर है जो परिवारजन के प्रेम को दरकिनार भटका देता है। इसलिए आज की पीढी सही मार्ग पर चले इसके लिए उसे धर्म के मार्ग पर लाना होगा।
मुनि विहर्ष सागर ने धर्मसभा में कहा कि मुनिराजों की आहार-विहार को लेकर कहा जो भी श्रद्धालु इस महत्वपूर्ण कार्य में सहयोगी बनते है वे पुण्यशाली होते है। चौका लगाने का कार्य मन तभी होगा जब आपके मन में पुण्य का भाव होगा। और जब मुनि के मुॅंह में आहार चला जाता है तब वह पूर्ण पुण्य माना जाता है। इसलिए मुनि के आहार-बिहार में सबको सहयोग करना चाहिए। इससे पुण्य की प्राप्ति होती है। इस धर्मसभा में मुनि वीर सम्राट सागर एवं मुनि विजयेश सागर भी मंचासीन थे।

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