भोपाल ! बेटी के सामने अपनी पत्नी की जान लेने वाले क्रूर पति को कोर्ट ने गुरुवार को फांसी की सजा सुनाई है। करीब 6 साल पुराने इस मामले में अनूपपुर जिला सत्र न्यायालय ने इसे क्रूर हत्या करार दिया। इस महत्वपूर्ण फैसले में बेटी की गवाही मील का पत्थर साबित हुई है। सजा सुनने के बाद हत्यारा बदहवास हो गया। वह लगातार यही रट लगाता रहा कि उसने पत्नी को नहीं मारा। वो हर किसी से यही कह रहा था साहब मुझे बचा लो। अब मैं बच जाऊंगा न अनूपपुर जिले के सिवनी गांव में 1 फरवरी 2010 को फूलचंद राठौर ने नाबालिक बेटी माधुरी के सामने पत्नी सुंदरिया बाई को बेरहमी से पीटा। इसके बाद भी उसका दिल नहीं पसीजा। वह पत्नी को घर के पास से गुजर रही रेल लाइन पर घसीट कर लाया। रेल पटरी पर पटक कर उसके चेहरे को पत्थरों से कुचल दिया। वह पत्नी को रेल से कटते हुए देखना चाहता था। हालांकि वह ऐसा नहीं कर सका। गम्भीर हालत में महिला को अस्पताल लाया गया, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। जैतहरी पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर फूलचंद्र को गिरफ्तार किया था। घटना के समय फूलचंद्र की बेटी माधुरी महज 13 साल की थी। वो इस मामले की चश्मदीद गवाह थी। जिला सत्र न्यायाधीश आनंद मोहन खरे ने इसे क्रूर हत्या मानते हुए फूलचंद को मौत की सजा सुनाई।
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